मुंबई, 17 मार्च . अभिनेता आशुतोष राणा ने सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो अपलोड कर प्रशंसकों को बताया कि गुरु- शिष्य के बीच का रिश्ता कैसा होता है. राणा ने अपने अंदाज में समझाया कि एक का विश्वास सृजन में तो दूसरे का सब कुछ अपने गुरु के चरणों में रखने से संबंधित होता है.
आशुतोष राणा सोशल मीडिया पर अक्सर वैचारिक पोस्ट शेयर करते रहते हैं. इंस्टाग्राम पर एक नया वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने गुरु-शिष्य के रिश्ते पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इन दोनों का संबंध विसर्जन और सृजन से होता है. आशुतोष राणा ने बताया कि एक गुरु ही होता है जो अपने छात्र की कमियों को दूर कर उसे निखारता है और उसके सफल होने में अपना योगदान देता है.
उन्होंने कैप्शन में लिखा, “शिष्य मिटने को तैयार रहे तो गुरु उसे बनाने पर आमादा हो जाता है. शिष्य होना बने हुए को मिटाने की प्रक्रिया है. गुरु वो होता है, जो मिटे हुए को बनाने की क्षमता रखता है. शिष्य का विश्वास विसर्जन में होता है तो गुरु का विश्वास, सृजन में होता है.”
आशुतोष राणा की गिनती एक मंझे हुए कलाकार के रूप में होती है. फिल्मों की तरह ही वह अपने सोशल मीडिया पोस्ट भी बेहतरीन मुद्दों को बेहतरीन अंदाज में प्रशंसकों के सामने रखते हैं. 27 फरवरी को उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी. तब भी गुरु महिमा का बखान किया था. मुलाकात का वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर कर अपने भाव बताए थे.
प्रेमानंद महाराज के दर्शन के दौरान आशुतोष राणा ने अपने गुरु को भी याद किया. राणा ने कहा, “मेरे गुरु दद्दा जी महाराज की शरण में 1984 में आ गए थे और 2020 में अंतिम सांस तक उनके साथ रहे. यह तो गुरु कृपा है जो आपके दर्शन हो गए. अन्यथा हम लोग माया के पंथ में फंसे रहते हैं.”
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एमटी/केआर