jaipur, 30 सितंबर . Rajasthan के पूर्व Chief Minister अशोक गहलोत ने Tuesday को Rajasthan विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा शस्त्र पूजन कार्यक्रम के आयोजन की कड़ी निंदा की.
उन्होंने इस तरह की Political गतिविधियों के लिए एक शैक्षणिक संस्थान के इस्तेमाल के औचित्य पर सवाल उठाया और छात्र विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए Police की आलोचना की.
गहलोत ने कहा, “जब एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, तो Police ने बल प्रयोग किया. इसके अलावा, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कानून अपने हाथ में ले लिया और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हमला किया. इससे पता चलता है कि Rajasthan में कानून का राज धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और आरएसएस एक संविधान-विहीन सत्ता बन गया है.”
उन्होंने आगे कहा कि Police की मौजूदगी में हुई यह घटना Police की निष्पक्षता में विफलता को दर्शाती है. “इसका मतलब है कि Police आरएसएस के दबाव में है. अगर Police इसी दबाव में काम करती रहेगी, तो वह कानून-व्यवस्था कैसे बनाए रखेगी?”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी Police कार्रवाई की आलोचना की और इसे ‘बेहद निंदनीय’ बताया और घायल एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को कभी भी राजनीति का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए.
इसी तरह, नेता प्रतिपक्ष विधायक टीकाराम जूली ने एनएसयूआई नेताओं पर कथित लाठीचार्ज, वाहनों में तोड़फोड़ और गिरफ्तारी की निंदा करते हुए Chief Minister से उनकी तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
टीका राम जूली ने कहा, “Rajasthan विश्वविद्यालय में भाजपा और आरएसएस की नफरत भरी राजनीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर Government के समर्थन से Police द्वारा लाठीचार्ज, उनके वाहनों में तोड़फोड़ और फिर उन्हें गिरफ्तार करने की घटना अत्यंत निंदनीय है. मैं Chief Minister से अनुरोध करता हूं कि इन शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं, इनका Politicalरण न करें. सभी गिरफ्तार एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए.”
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एससीएच