जोधपुर, 22 फरवरी . राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जोरदार निशाना साधा है. शनिवार को जोधपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश सरकार की खामियां गिनाई.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था दिन पर दिन खराब होती जा रही है. ‘चिरंजीवी योजना’ के बारे में लोगों को जानकारी नहीं दी जा रही है. राज्य सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में ‘चिरंजीवी योजना’ के तहत इलाज बंद कर दिया गया है. निजी अस्पतालों का दावा है कि उन्हें बकाया नहीं मिल रहा है, इसलिए इलाज बंद किया गया है.
अशोक गहलोत ने कहा कि अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है. दवाइयों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है. डॉक्टरों का पता ही नहीं है कि कौन-कौन सी दवाइयां खरीदनी है. राजस्थान के अंदर स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रहा है. जिसकी वजह से लोग परेशान हैं. अस्पतालों में न इलाज मिल रहा है और न ही दवाइयां मिल रही हैं. जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में तो 76 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. वेंडरों ने दवाओं की सप्लाई बंद कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. अगर यहां की यह स्थिति है तो बाकी जिलों का अनुमान लगाया जा सकता है. इसलिए मैं लगातार कह रहा हूं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को अनुभवी एडवाइजर की जरूरत है. जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैंने एडवाइजर नियुक्त किया था. भजन लाल शर्मा तो पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने और मुख्यमंत्री बने हैं. मैं समझता हूं कि उन्हें अनुभवी एडवाइजर रखना चाहिए. वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अनुभव ले सकते हैं. गुड गवर्नेंस की बात तो छोड़ दीजिए, राजस्थान के अंदर स्थिति बहुत खराब है. अंग्रेजी स्कूलों को बंद करने के लिए कमेटी बना दी है.
–
डीकेएम/