अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी, और भी नेता छोड़ सकते हैं पार्टी (लीड-टू)

मुंबई, 12 फरवरी . कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक शंकरराव चव्हाण ने सोमवार को पार्टी और साथ ही विधायक पद भी छोड़ दिया. ऐसी अटकलें हैं कि कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उनके साथ जाने की योजना बना रहे हैं.

चव्हाण ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को सौंप दिया.

66 वर्षीय चव्हाण ने आज सुबह महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की.

कुछ घंटों बाद चव्हाण का इस्तीफा पत्र सामने आया. उन्होंने एक्स पर अपना प्रोफ़ाइल बदल दिया और फिर ट्वीट किया कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है.

अपने पत्र में उन्होंने हाथ से भोकर विधानसभा क्षेत्र से ‘पूर्व’ (माँजी) विधायक भी लिखा है, लेकिन अपने इस कदम के लिए कोई कारण नहीं बताया है.

घटनाक्रम के तुरंत बाद, पटोले अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर राहुल गांधी से मिलने के लिए हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ पहुंचे और फिर चव्हाण के फैसले पर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए नई दिल्ली जाएंगे.

इसके साथ ही, राजनीतिक हलकों में कई अन्य विधायकों और नेताओं के भी चव्हाण के नक्शेकदम पर चलने की संभावना के कयास लगाए जाने लगे.

नए साल में कांग्रेस को झटका देने वाली यह तीसरी बड़ी घटना है.

14 जनवरी को, पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद एम. देवड़ा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी, और वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

चव्हाण के इस कदम पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इनमें शिवसेना-यूबीटी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस के विपक्ष के नेता (विधानसभा) विजय वडेट्टीवार और शिवसेना-यूबीटी के विपक्ष के (परिषद) नेता अंबादास दानवे, संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी, दोनों सांसद, अतुल लोंढे और अन्य तीन सहयोगी शामिल हैं.

राज्य कांग्रेस के नेता उभरती राजनीतिक स्थिति के प्रभावों पर चर्चा करने और आने वाले दिनों में विभिन्न स्तरों पर और अधिक झटकों के लिए तैयार रहने के लिए बैठक कर रहे हैं.

नांदेड़ के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से आने वाले, चव्हाण दिसंबर 2008-नवंबर 2010 तक राज्य के सीएम थे, और कुख्यात आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपों का सामना करने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था.

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