राजद के शासनकाल में सत्ता संरक्षित अपराध होता था : अशोक चौधरी

पटना, 20 मार्च . बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार को कहा कि राजद के शासनकाल में सत्ता संरक्षित अपराध होता था. अब स्थिति बदल गई है. उस दौर में डरकर भागे लोग भी वापस बिहार लौट रहे हैं. हमारे नेता न किसी को फंसाते हैं और न बचाते हैं.

दरअसल, बिहार विधान परिषद में गुरुवार को बढ़ते अपराध पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए. सदन के भीतर अपराध के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी ने कहा कि राज्य में चोरी, डकैती, हत्या और लूट की घटनाएं हर दिन हो रही हैं. राज्य के हर जिले में अपराधी तांडव मचा रहे हैं, लेकिन सरकार के पास लॉ एंड ऑर्डर को संभालने की शक्ति नहीं है. होली के दौरान दो दिन के भीतर 22 लोगों की हत्या कर दी गई.

राबड़ी देवी ने कहा कि अशोक चौधरी पहले कांग्रेस को लूटे और अब जदयू में लूट रहे हैं. इसके बाद दोनों में नोकझोंक हो गई.

सदन के बाहर निकले मंत्री अशोक चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि संगत अच्छे लोगों का हो तो संस्कार अच्छा होता है, अन्यथा संस्कार हमेशा खराब ही रहता है. जब हम कांग्रेस में थे तब पार्टी को मजबूत करने के लिए आलाकमान से आग्रह किया था कि राजद से कांग्रेस को अलग कर लीजिए, पार्टी मजबूत होगी. कांग्रेस पार्टी ने हमारी बातों को नहीं माना, फिर हम कांग्रेस से अलग हो गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमें सम्मान दिया.

उन्होंने कहा कि लालू यादव भी हमें अपनी पार्टी में बुला रहे थे, लेकिन हम वहां नहीं जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जुड़ गए.

उन्होंने कहा कि सदन के अंदर मंत्री संतोष सिंह ने कहा कि 2007 में हमारे पुत्र का अपहरण हुआ और राजद के एक बड़े नेता ने फिरौती की राशि मांगी थी. उस विषय को लेकर हमने कहा कि आप लोगों के पास कोई नैतिकता नहीं है, आप लोग फिरौती मांगते हैं.

उन्होंने कहा कि बिहार में अपहरण उद्योग बन रहा था, जिसकी वजह से उद्योगपति बिहार नहीं आ रहे थे, डरे हुए थे. यह सब रिकॉर्ड पर है, यह मैं नहीं बोल रहा हूं, बल्कि सरकार का रिकॉर्ड है. बिहार से डॉक्टर का पलायन हुआ. राजद के शासनकाल में सत्ता संरक्षित अपराध होता था. किशनगंज के तस्लीमुद्दीन को गृह मंत्री बनाया गया था, आखिर उन्हें इस्तीफा क्यों देना पड़ा?

अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर अशोक चौधरी ने कहा कि उन्हें भेद खोलने से कौन रोक रहा है, उनको भेद खोलना चाहिए.

एमएनपी/एबीएम