नई दिल्ली, 1 अक्टूबर . 1978 में एक फिल्म आई ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’. ‘तुलसी’ के किरदार में थीं आशा पारेख. ऐसी औरत जो हीरो की दूसरी पत्नी होती है. सुपर हिट रही. लोगों का भरपूर प्यार भी मिला. बड़ी तादाद में महिलाओं ने अपनी ‘तुलसी’ को खत लिखे और हरेक को उसका जवाब भी मिला. ज्यादातर ने पूछा कि क्या आप दूसरी औरत बनना पसंद करेंगी? आशा ने जवाब दिया मैं किसी की सौतन नहीं बनूंगी. 2 अक्टूबर को आशा पारेख अपना 82वां जन्मदिन मना रही हैं.
अपनी ऑटोबायोग्राफी आशा पारेख: द हिट गर्ल में बॉलीवुड की शानदार एक्टर की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से हैं. इनमें जीवन की खट्टी मीठी यादें भी हैं. सालों पहले किताब के लॉन्चिंग इवेंट में आशा पारेख ने से बातचीत में अपनी जिंदगी के ‘हीरो’ के बारे में बताया था और ये भी कि उन्होंने शादी आखिर की क्यों नहीं? 60-70 के दशक की हिट गर्ल ने उन पन्नों को पलटा था जो उनके लिए खास थे.
उन्होंने कहा था, “हां, नासिर साहब एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिनसे मैंने प्यार किया. अगर मैं उन लोगों के बारे में नहीं लिखती जो मेरे जीवन में मायने रखते हैं, तो आत्मकथा लिखना बेकार होता.”
‘जिद्दी’ आशा ने उन्हें टूटकर चाहा. 7 फिल्मों में उनके डायरेक्शन में काम भी किया. डेब्यू भी इन्हीं की फिल्म (दिल देके देखो) से किया था. उम्र का बड़ा फासला था लेकिन प्यार बेइंतहा था. इतना कि उनको अपने बच्चों से अलग करने का ख्याल भी दिल से निकाल दिया. उन्होंने इस इंटरव्यू में खुद ही कहा था मैं ‘घर तोड़ने वाली’ नहीं बनना चाहती थी.
आशा पारेख के हुसैन संग दोस्ती के किस्से उस जमाने में इंडस्ट्री में खूब मशहूर थे लेकिन उन्होंने कभी इसके बारे में बात नहीं की. चुप्पी तोड़ी तो सालों बाद अपनी जीवनी में.
आशा ने अपने इसी इंटरव्यू में कहा था, शादियां ऊपर से तय होती हैं और शायद इस मामले में भगवान मेरी जोड़ी बनाना ही भूल गए. मेरी शादी का संयोग ही नहीं था, इसलिए मेरी शादी नहीं हुई. हालांकि मेरी मां चाहती थी कि मेरी शादी किसी तरह हो जाए.
शादी के लिए प्रपोजल आए थे, लेकिन कुछ जमा नहीं. मम्मी को किसी ने कहा था कि इसकी शादी मत करना. फिर भी उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन वाकई में ऐसा ही हुआ. किसी ने भविष्यवाणी की थी कि शादी करेगी तो वो टिकेगी नहीं. मम्मी भी विश्वास नहीं करती थीं, इसलिए कहती थीं कि ऐसा नहीं हो सकता है. उन्होंने काफी कोशिश की थी कि मेरी शादी हो जाए, लेकिन नहीं हुई.
2017 के इस इवेंट में आशा पारेख ने कहा था, मेरा मानना था कि शादी होने से ज्यादा जरूरी है अच्छी शादी होना. सिर्फ शादी का टैग लगाने के लिए मैं शादी नहीं करना चाहती थी.
आशा पारेख हिंदू पिता और मुस्लिम मां की इकलौती संतान आशा पारेख खुद को अकेला नहीं मानतीं. पिछले कुछ वर्षों से वो अपनी ‘गर्ल्स गैंग’ के साथ देश विदेश की सैर पर निकल जाती हैं. इनके दोस्तों में हेलन, वहिदा रहमान सरीखी वेटरन स्टार्स हैं. हेलन के कारण सलमान खान के परिवार से खास रिश्ता है आशा पारेख का.
दबंग खान मानते हैं कि आशा जी अपने दोस्तों की हर संभव मदद करने को तैयार रहती हैं, सही मायने में वो सच्ची दोस्त हैं. कहते हैं कि फिल्म स्टार्स आएंगे जाएंगे लेकिन आशा पारेख दिलों में यूं ही बसी रहेंगी.
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केआर/