असीम मुनीर का बयान राजनीतिक, आंतकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख : प्रफुल्ल बख्शी

New Delhi, 29 जून . Pakistan के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में कराची में आयोजित Pakistan नेवी के पासिंग आउट परेड के दौरान कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से उठाया. उन्होंने अपने भाषण में India पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर “दुश्मन” तनाव बढ़ाता है, तो इसके पूरे क्षेत्र में “विनाशकारी परिणाम” होंगे, और इसका जिम्मेदार केवल “दुश्मन” ही होगा.

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने मुनीर के बयान को Political बयानबाजी करार देते हुए कहा कि Pakistan ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में India से करारी हार का सामना किया. इस हार को छिपाने के लिए मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया. उनका यह बयान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए Pakistan को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश है, जबकि हकीकत में India आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहा है.

बख्शी ने यह भी बताया कि Pakistan को अब अंतर्राष्ट्रीय समर्थन, खासकर अमेरिका और चीन से, मिल रहा है. अमेरिका ने हाल ही में Pakistan को “करीबी दोस्त” करार दिया है और उसे आतंकवादी देश की श्रेणी से हटा दिया है. वहीं, चीन Pakistan को हथियारों की आपूर्ति और समर्थन दे रहा है.

बख्शी ने चेतावनी दी कि चीन और बांग्लादेश के साथ मिलकर Pakistan India के खिलाफ एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “Pakistan आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित ठिकाने प्रदान कर रहा है. यह India के लिए गंभीर खतरा है. “

बख्शी ने जोर देकर कहा, “चीन, बांग्लादेश और नेपाल सीमा पर गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है. अमेरिका की बंगाल की खाड़ी में सैन्य गतिविधियां और बांग्लादेश के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास India के लिए चिंता का विषय हैं.”

उन्होंने कहा कि India की सैन्य तैयारियां जारी रहनी चाहिए. आने वाले दिनों में कुछ ऐसा होने वाला है, यह सोच कर रखना पड़ेगा. हमारी खुफिया विभाग को अलर्ट रहना चाहिए. चीन की एक्टिविटी क्या है, बांग्लादेश के एक्टिविटी क्या है, नेपाल बॉर्डर से लेकर बांग्लादेश के साथ सिलीगुड़ी के साथ और बंगाल में क्या हो रहा है, इन सब की जानकारी हमारी खुफिया एजेंसी को होनी चाहिए. हमारी तैयारी को और मजबूत होनी चाहिए. हमारा जो ऑपरेशन सिंदूर है, उसके ऑब्जेक्टिव को एकदम क्लियर रखना होगा. आतंकवाद के खिलाफ हम जो काम कर रहे हैं, उसमें किसी तरीके की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. हमें पीओके को कैसे लेना है. उसके बारे में हमें सोचना होगा.

India ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. जिसको लेकर रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने कहा कि India की स्थिति वह नहीं है, जो पहले कभी हुआ करती थी. India अब उस मुकाम पर पहुंच गया है कि जो वह सोचता है, वही करता है और वह हिम्मत रखता है कि वह मौके पर ही मना कर दे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब स्टेटमेंट में देखा कि इसमें पहलगाम की घटना का जिक्र ही नहीं है, हर जगह बलूचिस्तान का जिक्र है, Pakistan के इलाकों में जो घटनाएं हुई है, उसका जिक्र है. पहलगाम की घटना का कोई जिक्र नहीं था, इसलिए उन्होंने साइन नहीं किया. इससे पता चलता है कि India का स्टैंड क्या है. वह यह सोच कर आए थे कि India आसानी से साइन कर देगा. अब वह बात नहीं हुई इसका मतलब यह है कि अब सभी देश अपना-अपना रवैया चेंज करेंगे. इसके लिए हमें आगे की सोच रखनी होगी.

एकेएस/एकेजे