
New Delhi, 31 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Friday को दिल्ली में आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन- 2025’ में भाग लिया. उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती की 150वीं जयंती पर आर्य समाज के योगदान और उनके विचारों को नमन करते हुए कहा कि आर्य समाज ने पिछले डेढ़ सौ वर्षों से राष्ट्रभक्ति, भारतीय संस्कृति और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किए हैं.
Prime Minister मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष हो रहे हैं, तो समाज और देश स्वामी दयानंद सरस्वती जी के महान विचारों को इस विराट स्वरूप में नमन कर रहा है.
उन्होंने कहा कि आर्य समाज अपनी स्थापना से लेकर आज तक एक प्रबल राष्ट्रभक्त संस्था रही है, जिसने सदैव भारतीयता की भावना को जीवित रखा है. आर्य समाज ने विदेशी विचारधाराओं, विभाजनकारी मानसिकता और सांस्कृतिक प्रदूषण के हर दुष्प्रयास को खुलकर चुनौती दी है.
उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती को एक ‘युगद्रष्टा महापुरुष’ बताते हुए कहा कि स्वामी दयानंद ने समाज में महिलाओं की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण माना. उन्होंने उस सोच को चुनौती दी, जिसने नारी को घर की चौखट तक सीमित कर रखा था. स्वामी दयानंद ने महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए आर्य समाज के विद्यालयों में बेटियों के लिए शिक्षा की शुरुआत की. जालंधर में आरंभ हुआ कन्या विद्यालय आगे चलकर कन्या महाविद्यालय बन गया और ऐसे ही संस्थानों में पढ़ी लाखों बेटियां आज राष्ट्र की नींव को मजबूत कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि आर्य समाज के जिन कार्यों का ऋण देश पर है, उनमें एक महान कार्य देश की गुरुकुल परंपरा को जीवित रखना भी है. एक समय गुरुकुलों की ताकत से ही India ज्ञान-विज्ञान के शिखर पर था. गुलामी के दौर में इस व्यवस्था पर जान-बूझकर प्रहार किए गए. इससे हमारे संस्कार नष्ट हुए, नई पीढ़ी कमजोर हुई. आर्य समाज ने आगे आकर ध्वस्त होती गुरुकुल परंपरा को बचाया.
Prime Minister मोदी ने महिलाओं की प्रगति के उदाहरण देते हुए कहा कि आज India की बेटियां हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले ही हमारी President द्रौपदी मुर्मू जी ने राफेल फाइटर प्लेन में उड़ान भरी. इसमें उनकी साथी बनीं, स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह. आज हमारी बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं और ड्रोन दीदी बनकर आधुनिक कृषि को भी बढ़ावा दे रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि आज India सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए एक अहम ग्लोबल एडवोकेट के तौर पर उभरा है. स्वामी विवेकानंद की वेदों की समझ को अपनाने की अपील की तरह ही, India अब इंटरनेशनल लेवल पर वैदिक सिद्धांतों और जीवनशैली को अपनाने की वकालत कर रहा है. इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए, देश ने मिशन लाइफ लॉन्च किया है.
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पीएसके/एबीएम
