रायपुर, 16 अप्रैल . छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने बुधवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा, नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट और वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपनी बेबाक राय रखी.
पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर अरुण साव ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति ममता बनर्जी के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है. जिस तरह से हिंदू समाज के लोगों पर दरिंदगी के साथ हमले हो रहे हैं, बांग्लादेशी घुसपैठियों और आतंकवादियों के नाम इसमें सामने आ रहे हैं. ममता बनर्जी अपनी राज्य सरकार के बुनियादी कर्तव्य, यानी लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही हैं. पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. वास्तव में, ममता बनर्जी के संरक्षण में हिंदुओं पर नरसंहार हो रहा है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसलिए, ममता बनर्जी को एक मिनट भी सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है. 1937 में नेशनल हेराल्ड की स्थापना बड़े उद्देश्यों के साथ की गई थी, जिसमें 5,000 शेयरधारक थे, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जैसे प्रमुख लोग शामिल थे. 2008 में नेशनल हेराल्ड ने प्रकाशन बंद कर दिया और कांग्रेस पार्टी ने उसे 90 करोड़ रुपये का लोन दिया. कांग्रेस पार्टी एक बैंकिंग कंपनी बन गई और लोन देने वाली संस्था बन गई. यह लोन किस नियम और कानून के तहत दिया गया? जब नेशनल हेराल्ड ने इस लोन को चुकाने से इनकार कर दिया, तो दूसरा रास्ता निकाला गया. यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई, जिसमें 38 फीसदी शेयर सोनिया गांधी के और 38 फीसदी राहुल गांधी के हैं.
उन्होंने दावा किया कि आज यंग इंडिया के पास दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल, पटना सहित हजारों करोड़ की संपत्ति है. इस तरह सार्वजनिक संपत्ति को लूटने का यह साधन बना. जांच हुई, तथ्यों के आधार पर विधिवत जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है.
वक्फ संशोधन कानून को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि कोर्ट जाने का अधिकार सभी को है, लेकिन जिस प्रकार व्यापक चर्चा के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम पारित हुआ, वह जनहित को ध्यान में रखकर अत्यंत आवश्यक था. इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना और वास्तविक हकदारों को इसका लाभ पहुंचाना है. अब कोई भी संपत्ति, जैसे आदिवासी की जमीन या सरकारी जमीन, को मनमाने ढंग से वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता.
उन्होंने आगे कहा कि पहले वक्फ को न्यायालय और संविधान से भी बड़ा बना दिया गया था, लेकिन कोई भी संस्था संविधान से बड़ी नहीं हो सकती. इसलिए, व्यापक संशोधन किए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी इस कानून की वास्तविक स्थिति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए घर-घर जाएगी और जन जागरण अभियान चलाएगी. कुछ लोग अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए भ्रम फैला रहे हैं. बीजेपी इस भ्रम को दूर करने के लिए लोगों तक सच्चाई पहुंचाएगी.
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पीएसके/केआर