‘अनुच्छेद 370 अब इतिहास है’, जम्मू-कश्मीर के लिए संकल्प पत्र जारी करते हुए बोले अमित शाह

श्रीनगर, 6 सितंबर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी किया. इसमें उन्होंने पार्टी के सत्ता में आने पर लागू की जाने वाली योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. इस बीच, उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यहां अब तक जितनी भी पार्टियां सत्ता में रहीं, सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति और लोगों के हितों पर कुठाराघात करने का काम किया.

अमित शाह ने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा, “जम्मू में रिवर फ्रंट और कश्मीर में एम्यूजमेंट पार्क बनाया जाएगा. डल झील का विश्व स्तर पर विकास किया जाएगा. हमारी सरकार मां सम्मान योजना लेकर आएगी. इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत दो सिलेंडर दिए जाएंगे. कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक दुश्वारियों का सामना न करना पड़े. किश्तवाड़ में हर्बल आयुष पार्क बनेगा. राजौरी में टूरिज्म स्पॉट बनाया जाएगा. वहीं, गृहणियों को 18 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी और कॉलेज के छात्रों को प्रति वर्ष तीन हजार रुपये दिए जाएंगे, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा ना आए.”

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कश्मीर घाटी में गुज्जर, बक्करवालों और पहाड़ियों का आरक्षण छिनने नहीं देंगे. कश्मीर में व्यापक स्तर पर सुधार देखने को मिल रहा है. पत्थरबाजी की घटनाएं कम हो गई हैं. आतंकवाद की कमर टूट चुकी है.

उन्होंने कहा, “भाजपा के 10 साल सुशासन को समर्पित रहे हैं. हमारे कार्यकाल के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन उद्योग बढ़ा है. इससे यहां के बाशिंदों को आर्थिक मोर्चे पर व्यापक स्तर पर फायदा पहुंचा है.”

संकल्प पत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा, “मैंने नेशनल कॉन्फ्रेंस का घोषणा पत्र पढ़ा है. साफ है कि वे सिर्फ और सिर्फ लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.”

शाह ने सख्त लहजे में कहा, “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में अब किसी भी कीमत पर अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जाएगा, चाहे कुछ भी हो जाए. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवाद की कमर टूटी है. अब अगर किसी भी राजनीतिक दल ने यहां सत्ता में आने पर इसे बहाल करने की कोशिश की, तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि एक बार फिर से घाटी में आतंकवाद को बल मिलेगा.”

उन्होंने आगे कहा, “2014 तक आतंकवाद के कहर से घाटी कराहता रहा है, लेकिन 2014 के बाद से 2024 तक घाटी में आए बदलाव को इतिहास के रूप में दर्ज किया जाएगा. घाटी में हुई अब तक की घटनाओं को ऐतिहासिक घटनाओं के रूप में दर्ज किया जाएगा. पिछले 10 साल में हमारी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर विशेष बल दिया है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी कुछ लोग घाटी में आए, लेकिन वे सकारात्मक बदलाव को समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.”

शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि कांग्रेस ने इसे (नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र को) मूक समर्थन दिया है, जो दुखद है. मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा है. इसे देखते हुए हमारी पार्टी ने घाटी में पिछले 10 साल में 59 कॉलेजों को मान्यता दी है, ताकि शिक्षा की पहुंच का विस्तार हो सके.”

उन्होंने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर हमारी पार्टी के लिए आज से नहीं, बल्कि आजादी के समय से ही अहम भूभाग रहा है. आजादी के समय से हमने इस हिस्से को भारत का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया है. पंडित प्रेमनाथ डोगरा से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी तक ने घाटी में शांति स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.”

केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की जनता से अपील करते हुए कहा कि आप लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद को पांच साल दे दीजिए, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन को महसूस करेंगे.”

एसएचके/एकेजे