नई दिल्ली, 26 मई . भारतीय सेना के वॉर रुम से कुछ दुर्लभ और चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. ये तस्वीरें 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा किए गए सटीक सैन्य हमले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे की झलक पेश करती है.
तस्वीरों में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह कंधे से कंधा मिलाकर खड़े और उच्च सुरक्षा वाले कमांड सेंटर में ऑपरेशन की वास्तविक अपडेट पर नजर रखते हुए नजर आ रहे हैं. उनके साथ सेना के एक और वरिष्ठ अधिकारी भी दिखाई दे रहे हैं.
भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारी पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ हमले की निगरानी करते दिख रहे हैं.
दूसरी तस्वीर, जो रात 1:05 बजे की है, वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरू होने के समय की है. जनरल द्विवेदी और वरिष्ठ अधिकारी ड्रोन फुटेज और सैटेलाइट तस्वीरों के लाइव प्रसारण को ध्यान से देख रहे हैं. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान, ड्रोन और नौसेना के उपकरण 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर रहे हैं. ये ठिकाने उन प्रमुख आतंकी संगठनों के शिविर थे, जिन्हें पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा था.
सेना के आधिकारिक विवरण के अनुसार, इस सटीक ऑपरेशन में 140 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. इस हमले में कथित तौर पर स्कैल्प क्रूज मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम और सशस्त्र यूएवी का इस्तेमाल किया गया, जिससे भारत के सशस्त्र बलों की एकजुटता और तकनीकी बढ़त का पता चलता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय सेना द्वारा इन तस्वीरों का जारी करना एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल भारत के सैन्य नेतृत्व की कुशल क्षमता को दर्शाता है, बल्कि पाकिस्तान या कहीं और से आने वाले सीमा पार खतरों को बेअसर करने के लिए भारत की तत्परता और दृढ़ संकल्प का भी एक मजबूत रणनीतिक संदेश देता है.
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दायरे, समन्वय और कार्यान्वयन के बारे में अपने कर्मियों को जानकारी देने के लिए एक आंतरिक पुस्तिका भी प्रकाशित की है. यह एक दुर्लभ कदम है, जो इन हमलों के पैमाने और महत्व को दर्शाता है.
इन तस्वीरों के साथ, भारतीय सशस्त्र बलों ने एक साहसिक बयान दिया है. बयान में कहा गया है कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो शीर्ष अधिकारी न केवल कमान में हैं, बल्कि वह युद्ध कक्ष में भी मौजूद हैं.
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पीएसके/जीकेटी