बिहार में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, चालक दल समेत अन्य सुरक्षित

पटना, 2 अक्टूबर . बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत बचाव के दौरान सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. राहत की बात यह है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे चारों जवान सुरक्षित हैं. उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है.

यह हादसा मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के देसी बाजार में हुआ है. प्रभावितों के बीच राहत सामग्री वितरण करने के बाद सीतामढ़ी की तरफ लौट रहा हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. हेलीकॉप्टर में दो पायलट सहित दो वायु सेनाकर्मी भी सवार थे. वह सभी सुरक्षित हैं. इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय निवासियों ने सभी घायलों को सुरक्षित हेलीकॉप्टर से निकाला. जहां यह हादसा हुआ है, वो जगह चौतरफा पानी से घिरा हुआ है. मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को घटनास्थल से हटाया. हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बड़ी संख्या में आए लोग बची हुई राहत सामग्री अपने साथ लेकर चले गए.

बता दें कि नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद बिहार इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. बिहार के कई जिले इस समय बाढ़ग्रस्त है. विपक्षी दल राजद के नेता लगातार इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. राजद के नेताओं का आरोप है कि नीतीश कुमार बाढ़ पीड़ितों को लेकर उदासीन रवैया अपना रहे हैं. उन्हें बाढ़ पीड़ितों से कोई लेना देना नहीं है, जबकि नीतीश सरकार का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की लगातार मदद की जा रही है. बाढ़ पीड़ितों के लिए बाकायदा फंड भी जारी किया गया. सभी दुर्गम इलाकों में राहत सामाग्री पहुंचाने की कोशिश जारी है. अब तक कई जिलों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है, लेकिन राजद लगातार नीतीश सरकार के इन दावों को सिरे से खारिज कर रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बिहार सहित देश के अन्य राज्यों के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 5,858.60 करोड़ रुपए बाढ़ जारी किए हैं, ताकि वहां स्थिति को सामान्य किया जा सके. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने खुद इस संबंध में सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था.

उन्होंने कहा था, “गृह मंत्रालय ने आज 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अग्रिम राशि के रूप में 5,858.60 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है.”

एसएचके/जीकेटी