‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अद्वितीय वीरता दिखाने पर सेना प्रमुख ने जवानों से कहा – ‘शाबाश!’

नई दिल्ली, 15 मई . सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में सैनिकों और सैन्य कमांडरों के बीच पहुंचे. उन्होंने श्रीनगर, उरी और ऊंची बस्सी स्थित अग्रिम चौकियों का दौरा किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान असाधारण प्रदर्शन करने पर सैनिकों को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी.

सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना के जवानों के अदम्य साहस तथा पेशेवर कुशलता की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उनका दौरा किसी औपचारिक संचालन समीक्षा की बजाय सैनिकों के जज्बे और समर्पण को सलाम करने के उद्देश्य से किया गया था.

सेना प्रमुख ने चिनार कोर के डैगर डिवीजन सहित अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों से मुलाकात की. उन्होंने पाकिस्तानी हवाई और जमीनी उकसावे का प्रभावी ढंग से मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सभी अंगों और सेवाओं के सैनिकों की संयुक्त तत्परता, मनोबल और तालमेल की भूरी-भूरी प्रशंसा की.

अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने कहा कि सैनिकों की बहादुरी, जोश और सतर्कता ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दबदबा बनाए रखा और ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया. यह इस पूरे अभियान की एक महत्वपूर्ण सफलता रही. पाकिस्तान की ओर से की गई कायरतापूर्ण और अकारण गोलाबारी से सीमावर्ती इलाकों में कई नागरिक भी प्रभावित हुए हैं.

सेना प्रमुख ने प्रभावित नागरिकों को राहत और सहायता पहुंचाने में भारतीय सैनिकों की मानवीय भूमिका की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना केवल सीमाओं की रक्षा ही नहीं करती, बल्कि देशवासियों की सुरक्षा और सेवा के लिए भी सदैव तत्पर रहती है.

जनरल द्विवेदी ने सैनिकों का उत्साहवर्धन करते हुए जोश से कहा, “शाबाश!”, और भारतीय सेना की वीरता, सम्मान और भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने की तैयारियों की भावना को दोहराया.

उन्होंने कहा कि सेना राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से सजग और कटिबद्ध है. इस दौरे से न केवल सैनिकों का मनोबल और आत्मविश्वास ऊंचा हुआ, बल्कि नेतृत्व और सैनिकों के बीच के गहरे विश्वास और एकजुटता को भी मजबूती मिली, जो राष्ट्र की रक्षा में भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

जीसीबी/एबीएम/एकेजे