आर्मी चीफ को मिला एक्सटेंशन, चुनाव से सेना का काई लेना देना नहीं : दर्शन सिंह ढिल्लों

लुधियाना, 13 जून . केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख (आर्मी चीफ) का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे. सरकार के नए आदेश के मुताबिक, जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे.

इस पर कर्नल (सेवानिवृत्त) दर्शन सिंह ढिल्लों ने कहा कि आर्मी चीफ को एक्सटेंशन दिया गया है. इसलिए क्योंकि चुनाव का टाइम है. हालांकि, चुनाव से आर्मी का काई लेना देना नहीं होता है.

नेताओं के सवाल उठते रहेगें. हर बार उठते हैं. अगर आर्मी चीफ की नियुक्ति हो भी जाती तो कोई फर्क नहीं पड़ जाता. आर्मी चीफ की नियुक्ति एक रूटीन मामला है. आर्मी का इस चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. आर्मी में तो बाकी प्रमोशन भी हुए हैं, चीफ के प्रमोशन से क्या फर्क पड़ता है.

उन्होंने आगे कहा कि जब उपेंद्र द्विवेदी को आर्मी चीफ बनाया गया है तो गलत कोई नहीं है. आज के समय में वह सीनियर हैं तो सीनियरटी का प्रिंसिपल बिल्कुल फॉलो किया गया है.

आर्मी चीफ का जो प्रोसेस है, बिल्कुल सिंपल और ट्रांसपेरेंट होता है. जो भी सीनियर होता है उसको अपॉइंटमेंट किया जाता है, क्योंकि आर्मी में सीनियरटी एक बहुत बड़ा मैटर होता है.

सरकार को हमेशा जो चीफ है काबिल लोगों को चुनना चाहिए. पर एक बात यहां है कि ये उनका पहला प्रमोशन नहीं होता है. ये कोई नेता का प्रमोशन नहीं है कि उसको डायरेक्टली ग्राउड से अपॉइंटमेंट कर दिया जाता है, वो एक लंबी प्रोसेस से गुजर कर आते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल वो पहले ही बने होते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल जो रैंक है बहुत सीनियर रैंक होता है.

दस सालों में जो आत्मनिर्भर बनने का जो मामला है, थोड़ा प्रचार ज्यादा किया गया है. पहले भी देश आत्मनिर्भर की तरफ बढता रहा है. जैसे मिसाइल सिस्टम था, जो अब्दुल कलाम के टाइम से चल रहा है. यह आत्मनिर्भरता की ही निशानी है. तेजस बना और भी एयरलाइंस बने हैं. अब जो विगत चेंज मोदी के टाइम से आया है, जो आत्मनिर्भर है वो प्राइवेट सेक्टर को ट्रांसफर हो गया है.

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