अरब सागर : नौसेना ने बुझाई जहाज में लगी आग, 14 भारतीयों की जान बची

नई दिल्ली, 1 जुलाई . भारतीय नौसेना ने एक बार फिर अपनी तेज प्रतिक्रिया और समुद्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए समुद्री जहाज पर लगी आग पर काबू पाया है. यह आग उत्तरी अरब सागर में पलाउ-ध्वजवाहक टैंकर एमटी यी चेंग 6 पर लगी थी. इस बड़े अग्निकांड के दौरान नौसेना ने जोखिम भरे अग्निशमन और बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

नौसेना ने इस ऑपरेशन में समुद्री टैंकर पर मौजूद सभी 14 भारतीय क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया. नौसेना के मुताबिक 29 जून की सुबह, मिशन-आधारित तैनाती पर मौजूद आईएनएस तबर को एमटी यी चेंग 6 से ‘मेडे’ (आपातकालीन) कॉल प्राप्त हुआ. जहाज ने अपने इंजन कक्ष में भीषण आग लगने की सूचना दी.

यह घटना फुजैरा, संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व में लगभग 80 नॉटिकल मील की दूरी पर हुई. भारतीय नौसेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आईएनएस तबर को अधिकतम गति के साथ घटनास्थल की ओर रवाना किया. टैंकर के पास पहुंचकर, नौसेना ने जहाज के कप्तान से संपर्क स्थापित किया और तत्काल अग्निशमन अभियान शुरू किया.

अग्निशमन अभियान पूरा होने के उपरांत मंगलवार को नौसेना ने बताया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, 7 क्रू सदस्यों को नौसेना की नौकाओं की मदद से आईएनएस तबर पर सुरक्षित रूप से निकाला गया. सभी समय पर की गई त्वरित कार्रवाई से किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. सुरक्षित बचाए गए सभी लोगों को नौसेना की मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य जांच प्रदान की गई है.

नौसेना के मुताबिक जहाज के कप्तान सहित शेष क्रू सदस्य जहाज पर रहकर आग बुझाने के प्रयासों में शामिल रहे. आईएनएस तबर से 6 सदस्यीय अग्निशमन और क्षति नियंत्रण दल, विशेष उपकरणों के साथ आग बुझाने के लिए भेजा गया था. प्रारंभिक प्रयासों में ही आग की तीव्रता में काफी कमी आई और धुआं इंजन कक्ष तक सीमित कर दिया गया. इसके बाद अभियान को और तेजी देते हुए 13 अतिरिक्त नौसेना कर्मियों (5 अधिकारी और 8 नाविक) को भी जहाज पर तैनात किया गया.

नौसेना का कहना है कि लगातार प्रयासों के फलस्वरूप आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है. जहाज पर तापमान की निगरानी और स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है. आईएनएस तबर फिलहाल मौके पर ही मौजूद है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. भारतीय नौसेना के इस साहसी और कुशल प्रयासों ने न केवल टैंकर को बचाया, बल्कि सभी 14 भारतीय क्रू सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की. यह घटना फिर एक बार यह सिद्ध करती है कि भारतीय नौसेना न केवल परिचालन रूप से सजग है, बल्कि भारतीय समुद्री क्षेत्र में मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भी सदैव तत्पर है. यह भारत की “प्रथम उत्तरदाता” की भूमिका को और मजबूत करता है.

जीसीबी/एएस