एप्पल की चीन पर से घट रही निर्भरता, भारत से निर्यात हुए 6 अरब डॉलर के आईफोन

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर . इस वर्ष सितंबर तक छह महीनों में भारत से एप्पल आईफोन निर्यात में एक तिहाई की वृद्धि दर्ज की गई है. देश से आईफोन निर्यात में यह वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार करने और चीन पर घटती निर्भरता को दिखाता है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, एप्पल ने भारत में निर्मित करीब 6 अरब डॉलर के आईफोन निर्यात किए हैं. जो कि बीते वर्ष की तुलना में मूल्य को लेकर एक तिहाई वृद्धि को दर्शाता है. यह वित्त वर्ष 2024 में आईफोन का वार्षिक निर्यात लगभग 10 अरब डॉलर को पार करने का संकेत माना जा रहा है.

एप्पल भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है. जहां कंपनी लोकल सब्सिडी, स्किल्ड वर्कफोर्स और भारत की टेक्नोलॉजी क्षमताओं में प्रगति का पूरा लाभ ले रही है. चीन को लेकर अमेरिका के साथ बीजिंग के तनाव की वजह से एप्पल की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. ऐसे में चीन पर निर्भरता कम करने को लेकर एप्पल के लिए भारत बेहद महत्वपूर्ण है.

भारत में एप्पल के तीन सप्लायर में ताइवान के फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, पेगाट्रॉन कॉर्प और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. जो कि दक्षिण भारत में आईफोन असेंबल करते हैं. चेन्नई के बाहरी इलाके में स्थित फॉक्सकॉन की लोकल यूनिट भारत में टॉप सप्लायर है. भारत से आईफोन निर्यात को लेकर फॉक्सकॉन की लोकल यूनिट का लगभग 50 प्रतिशत योगदान है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, दिग्गज कंपनी टाटा ग्रुप की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ब्रांच ने अप्रैल से सितंबर के बीच कर्नाटक राज्य में अपने कारखाने से लगभग 1.7 अरब डॉलर के आईफोन निर्यात किए. टाटा ने पिछले साल विस्ट्रॉन कॉर्प से यह इकाई खरीदी थी. इसके बाद यह यूनिट एप्पल के बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट की पहली भारतीय असेंबलर बन गई.

संघीय व्यापार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन निर्यात में आईफोन का बड़ा हिस्सा है . भारत ने इस प्रोडक्ट कैटेगरी को इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 2.88 अरब डॉलर के साथ अमेरिका को शीर्ष निर्यातक बनने में मदद की. पांच साल पहले, जब एप्पल ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार नहीं किया था तब अमेरिका को देश का वार्षिक स्मार्टफोन निर्यात मात्र 5.2 मिलियन डॉलर था.

हालांकि, अभी भी भारत के स्मार्टफोन बाजार में एप्पल की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत से भी कम है. भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसे चीनी ब्रांड का दबदबा बना हुआ है. वैश्विक स्तर पर भारत आईफोन के लिए अभी भी एक छोटा बाजार है. हालांकि, इसमें विस्तार की संभावना लगातार बनी हुई हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन द्वारा दी गई सब्सिडी से एप्पल को इस साल भारत में अपने महंगे आईफोन 16 प्रो और प्रो मैक्स मॉडल को बेहतर कैमरे और टाइटेनियम बॉडी के साथ असेंबल करने में मदद मिली. कंपनी बैंगलोर और पश्चिमी शहर पुणे सहित नए रिटेल स्टोर खोलने की भी योजना बना रही है.

पिछले वर्ष, एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने मुंबई और राजधानी नई दिल्ली में एप्पल के पहले रिटेल स्टोर की भी शुरुआत की थी. जिन्हें भारतीय ग्राहकों की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है.

एसकेटी/एएस