मुंबई, 28 अक्टूबर . फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर अपनी आगामी फिल्म ‘विजय 69’ की रिलीज को लेकर उत्साहित हैं. इस बीच अभिनेता ने अपने 40 साल के सिनेमाई सफर को याद किया. इतना ही नहीं उन्होंने प्रशंसकों से सपने देखने की अपील भी की.
अनुपम खेर ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर सिनेमा में अपने चार दशक के सफर पर एक लंबा नोट लिखा. जिसमें शुरुआती आजमाइशों का जिक्र भी था.
करियर की शुरुआत के दौरान गुजारे कठिन समय को याद करते हुए लिखा ‘1984 मेरे लिए एक बनाओ या बिगाड़ो साल था. हर दिन मायूस करने वाला था और उस समय ने मेरे धैर्य की परीक्षा ली.
खेर ने आगे लिखा ‘मैं अपनी शर्तों पर काम पाकर पहचान बनाने को बेताब था. इंडस्ट्री में कोई संबंध नहीं था. मेरे पास बस मेरी इच्छा शक्ति थी और अपने सपनों को न छोड़ने की जिद वाला आत्मविश्वास था.
एक्टर के मुताबिक वो आम हीरो जैसे लुक वाले नहीं थे लेकिन चाहते थे कि लोग स्क्रीन पर उनके जुनूनी किरदार को देखें. सिनेमा की दुनिया में कदम रखने से पहले अनुपम ने एक्टिंग का चार साल का कोर्स किया था और ड्रामा स्कूल से गोल्ड मेडलिस्ट थे.
उन्होंने आगे बताया मैं एक ऐसा मौका पाने के लिए बेताब था, जिससे मैं दुनिया को बता सकूं कि मैं कौन हूं और स्क्रीन पर क्या कर सकता हूं. लोगों को लगता था कि मैं घमंडी हूं. लेकिन मैं जानता था कि मेरे अंदर जो गुस्सा था, वह चुपचाप सभी को यह बताने का इंतजार कर रहा था कि वे गलत थे, वे गलत थे और मैं इसके लिए महेश भट्ट का शुक्रिया अदा करता हूं.
भट्ट ने मुझे ‘सारांश’ दी और मुझ पर तब विश्वास किया, जब किसी और ने नहीं किया. उन्होंने मुझे 65 साल के बुजुर्ग का किरदार सौंपा जो अपने युवा बेटे की मौत से गमजदा था.
अब 2024 में वो 69 साल के शख्स की भूमिका निभाने वाले हैं. इस पोस्ट में ही इसका खुलासा किया गया है. उन्होंने बताया कि अब वह वाईआरएफ द्वारा निर्मित अपनी आगामी फिल्म ‘विजय 69’ में 69 वर्षीय व्यक्ति विजय मैथ्यू की भूमिका निभाते नजर आएंगे, जो कि गुस्सैल है और ट्रायथलॉन एथलीट बनना चाहता है.
खेर ने आगे बताया कि मेरे 40 साल के सिनेमाई सफर में मैंने कभी भी प्रयोग करना और खुद को चुनौती देना बंद नहीं किया. मेरा बचपन, मेरी जड़ें, इस फिल्म जगत में मेरे प्रारंभिक वर्षों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई. मैं इस बात को नकार नहीं सकता कि मैं एक छोटे शहर का लड़का रहा हूं. एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से चुनौतीपूर्ण अनुभवों से गुजरा हूं, जिन्हें मैं बहुत संजोकर रखता हूं.
उन्होंने कहा मैं आज भी उन भावनाओं को याद करता हूं, जो मैंने एक बच्चे के रूप में महसूस की थी. अनुपम ने बताया कि उनके क्लर्क पिता उनके लिए प्रेरणा हैं. वह एक आम आदमी थे जिनकी आंखों में सपने थे. अभिनेता ने लिखा मैं उनकी आंखों को कभी नहीं भूल सकता. वे तब भी बहुत कुछ बोलती थीं, जब वे एक शब्द भी नहीं बोलते थे. इसलिए जब भी मैं किसी आम आदमी का किरदार निभाता हूं तो मैं स्क्रीन पर उन्हीं का किरदार निभाता हूं.
मैं हमेशा उन्हें और आम आदमी को ही स्क्रीन पर पेश करता हूं. मैंने कभी भी अभिनय छोड़ने के बारे में नहीं सोचा, यहां तक कि जब हालात खराब थे, तब भी नहीं सोचा, कभी नहीं सोचूंगा. मैं हार मानने वाला नहीं हूं! कभी नहीं. उन्होंने आगे कहा मैंने अपनी असफलताओं से सीखा है. असफलता आपको सफलता से कहीं ज्यादा सिखाती है. जब ‘हम आप के हैं कौन’ की शूटिंग के दौरान मेरे चेहरे पर लकवा मार गया था तो लोगों को लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया है. मैं इससे उबरा और आगे निकला.
मैं हिंदी मीडियम का लड़का था. मैंने रॉबर्ट डी नीरो, जेनिफर लॉरेंस, ब्रैडली कूपर, कीरा नाइटली जैसे सफल हॉलीवुड कलाकारों के साथ फिल्में कीं. मैं सभी से सपने देखने का अनुरोध करता हूं. सपने देखने वाले वह हासिल करते हैं जो दूसरे नहीं कर पाते.
वे कुछ ऐसा देखते हैं जिसकी दूसरे कभी कल्पना भी नहीं कर सकते. वे एक ऐसा जीवन जीते हैं जो काल्पनिक होती है. इसलिए जैसा कि विजय मैथ्यू कहते हैं, ‘सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती. ‘विजय 69’ 8 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है.
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एमटी/केआर