हिसार, 29 अक्टूबर . हरियाणा के हिसार की रहने वाली अंशिका का राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन हुआ है. उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. घर में खुशी का माहौल है और लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं. अंशिका ने बताया कि उसने पहली बार यह परीक्षा दी थी, जिसमें उसने 13वीं रैंक हासिल की है. 22 वर्षीय अंशिका ने बताया कि उसका बचपन से ही जज बनने का सपना था.
उन्होंने कहा, “मेरी सफलता से मेरे माता-पिता बेहद खुश हैं. मेरी इस उपलब्धि में मेरे माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान है.”
उन्होंने बताया कि मैंने 12वीं कक्षा 99 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी. इसके बाद बीए एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें मैं कॉलेज टॉपर रही. अंशिका ने बताया कि मैंने न्यायिक सेवाओं के लिए योजनाबद्ध तरीके से तैयारी की थी. परीक्षा में सफलता पाने के लिए मैंने तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी. दोस्तों से मिलना-जुलना भी कम कर दिया. लगातार पढ़ाई से बोरियत न हो, इसके लिए मैंने अखबार पढ़ना, परिवार के साथ घूमना और संगीत सुनना बेहतर समझा.
उन्होंने बताया कि लॉ में करियर बनाना अपने आप में सम्मान की भावना पैदा करता है. लड़कियों को संदेश देते हुए अंशिका ने कहा कि हर लड़की को लॉ के बारे में जानकारी होनी चाहिए. लगन से पढ़ाई करने पर सफलता जरूर मिलती है.
अंशिका के पिता सतीश ने कहा कि वह अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं. उन्होंने बेटी की पढ़ाई और तरक्की में उसका पूरा साथ दिया है.
पिता सतीश ने कहा, “हर माता-पिता को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए. मां-बाप को अपने बच्चों के लिए बहुत बड़ी संपत्ति छोड़ने के बजाए उनको अच्छी शिक्षा देनी चाहिए.”
मां मीनू ने कहा कि हमने अपनी बेटी को बचपन से ही सपना दिखाया था कि वह बड़ी होकर जज बनेगी. हमने अंशिका को प्रेरित किया और उसने खूब मेहनत की. दो साल की कोचिंग के पहले साल पूरा करने के बाद उसने परीक्षा पास कर ली और जज बन गई. हमें अपनी बेटी की मेहनत पर पूरा भरोसा था.
बता दें कि राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए. सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी 40 वर्ष की आयु तक परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. एससी, एसटी, ओबीसी और महिला अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई है. परीक्षा में शामिल होने के लिए एलएलबी की डिग्री होना जरूरी है. अंतिम वर्ष के विधि स्नातक विद्यार्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं, बशर्ते उनकी मार्कशीट जारी की गई हो.
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आरके/एएस