एएनआरएफ भारत को अनुसंधान की महाशक्ति बनाने में मदद करेगा: सीईओ

New Delhi, 2 सितंबर . अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) के सीईओ डॉ. शिवकुमार कल्याणरमन ने कहा कि यह फाउंडेशन India को वैश्विक अनुसंधान और नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा.

उन्होंने यह बात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में एक व्याख्यान देते हुए कही.

एएनआरएफ के दृष्टिकोण को साझा करते हुए, कल्याणरमन ने बताया कि “यह संगठन वैज्ञानिकों और संकाय सदस्यों के लिए सर्वोत्तम शोध वातावरण स्थापित करने की दिशा में कैसे काम कर रहा है.”

उन्होंने एएनआरएफ द्वारा “खरीद मॉडल में सुधार की दिशा में किए जा रहे काम और विज्ञान को आसान बनाने हेतु ” किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.

एएनआरएफ के सीईओ ने आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं से “मिशन मोड कार्यक्रम बनाने” के लिए नवीन विचार भी मांगे.

कल्याणरमन ने कहा, “प्रमुख अन्वेषक (पीआई) के अनुकूल शोध वातावरण स्थापित करें ताकि वे देश और दुनिया के लिए बड़े काम करने की दिशा में अधिक कुशलता से काम कर सकें और प्रशासनिक कार्यों में न उलझें.”

इसके अलावा, देश में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च-स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए, Government ने देश को वैश्विक विज्ञान खिलाड़ी बनाने के लिए, 2023 के एएनआरएफ अधिनियम के माध्यम से, 2024 में एएनआरएफ की स्थापना की. एएनआरएफ की पांच वर्षों की कुल अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है.

एएनआरएफ का उद्देश्य उद्योग, शिक्षा जगत, Governmentी विभागों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और वैज्ञानिक एवं संबंधित मंत्रालयों के अलावा उद्योगों और राज्य Governmentों की भागीदारी और योगदान के लिए एक इंटरफेस सिस्टम बनाना है.

इस बीच, कल्याणरमन ने आईआईटी दिल्ली स्थित केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) का भी दौरा किया. उन्होंने आईआईटी दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विचार-मंथन सत्र में भी भाग लिया और राष्ट्र निर्माण में आईआईटी दिल्ली के योगदान की रूपरेखा पर चर्चा की.

उन्होंने एक विशेष सत्र में आईआईटी दिल्ली के युवा संकाय सदस्यों से भी मुलाकात की और उनके साथ एक रोचक चर्चा की. इस दौरान उन्होंने भारतीय संस्थानों में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने के बारे में उनके विचारों और सुझावों को जाना और साथ ही उन्हें एएनआरएफ के दृष्टिकोण और इसकी कार्यप्रणाली से भी अवगत कराया.

केआर/