कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल के समक्ष एक और शिकायत

बेंगलुरु, 23 अगस्त . मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि घोटाले में जांच का सामना कर रहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक और झटका लगा है. शुक्रवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के समक्ष उनके खिलाफ झूठा जवाब देने और राज्य के समेकित कोष के दुरुपयोग के संबंध में एक और शिकायत दर्ज कराई गई.

राज्‍यपाल के समक्ष श‍िकायत दर्ज कराते हुए भाजपा एमएलसी डीएस अरुण ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर वित्तीय अनियमितता और राज्य के समेकित कोष के दुरुपयोग व संवैधानिक दायित्वों के उल्लंघन का आरोप लगाया. उन्‍होंने मामले की जांच और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बर्खास्त करने की मांग की.

एमएलसी अरुण ने आरोप लगाया क‍ि “मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने झूठा और मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार क‍िया और उसे विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया. इसके अलावा उन्‍होंने हजारों करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया. वित्त मंत्री के रूप में उन्‍होंने अपने अध‍िकारोंं का उल्लंघन क‍िया.”

अरुण ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने बेलगावी में शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य के जिला परिषदों और टीपी के फंड-दो के अप्रयुक्त राश‍ि और वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंत में राज्य के बोर्डों और निगमों के अप्रयुक्त शेष राशि‍ से संबंधित खातों के संबंध में परिषद में एक प्रश्न उठाया था. इसके जवाब में मुख्‍यमंत्री ने उत्तर द‍िया क‍ि अप्रयुक्‍त राशि को राज्‍य की संचि‍त न‍िधि में जमा कर द‍िया गया है, जो पूरी तरह झूठ है. इसकी पुष्‍ट‍ि कोषागार व‍ि‍भाग ने भी की है.

एमएलसी अरुण ने आरोप लगाया. जिला परिषद/टीपी निधि-दो की अप्रयुक्‍त राश‍ि वर्ष 2014-15 से राज्य की समेकित निधि में जमा नहीं की गई है, जिसे जमा किया जाना अनिवार्य है. एमएलसी अरुण ने अपनी शिकायत में दावा किया कि सीएम सिद्धारमैया का लिखित जवाब झूठा और फर्जी है.

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