ललित टेकचंदानी को ईडी का एक और झटका, 113.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश

नई दिल्ली, 18 अप्रैल . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्लैट खरीदारों को धोखा देने के मामले में बिल्डर ललित टेकचंदानी और उसके सहयोगियों की 113.5 करोड़ रुपये चल और अचल संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया है.

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह कार्रवाई की है.

ईडी पहले ही शेयरों, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में 43 करोड़ रुपये के निवेश को फ्रीज कर चुका है. ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत तलोजा पुलिस स्टेशन और चेंबूर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की थी.

एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, टेकचंदानी द्वारा प्रतिनिधित्व की गई कंपनी है और अन्य लोगों ने तलोजा, नवी मुंबई में एक आवास परियोजना में घर खरीदारों से बड़ी मात्रा में धन इकट्ठा किया है.

ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि 1700 से अधिक घर खरीदारों से नवी मुंबई के तलोजा में एक आवास परियोजना के लिए जुटाए. परियोजना में देरी के कारण इन घर खरीदारों को फ्लैट या रिफंड के बिना अधर में छोड़ दिया गया.

जांच के दौरान, ललित टेकचंदानी को ईडी ने इसी साल 18 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं.

उनसे पूछताछ से पता चला है कि घर खरीदारों से प्राप्त धन को बिल्डर ने व्यक्तिगत लाभ और परिवार के सदस्यों सहित विभिन्न नामों पर संपत्ति बनाने के लिए इस्तेमाल किया था. ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि टेकचंदानी ने अन्य आरोपी व्यक्तियों की सहायता से कंपनी के स्वामित्व और निदेशक पद से हटने के बावजूद मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियों को अलग कर लिया.

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी व्यक्ति की कंपनी में घर खरीदने वाले खरीददार जो पैसा दे रहे थे, वह दूसरे खाते में ट्रांसफर किया जा रहा था और उस दूसरे खाते से रकम की निकासी हो रही थी. फिलहाल मामले की आगे जांच चल रही है.

एसके/