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Lucknow, 27 नवंबर . कोडीन सिरप मामले में Lucknow एसटीएफ ने अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार कर लिया है. गोमतीनगर के ग्वारी चौराहे से एसटीएफ की टीम ने अमित कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है.
अमित कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया कि आज़मगढ़ के रहने वाले विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल से परिचय हुआ. शुभम जायसवाल का एबॉट कंपनी की फेन्सेडिल कफ सिरप का शैली ट्रेडर्स के नाम से बड़ा कारोबार रांची, Jharkhand में है.
नशे के तौर पर कोडीन युक्त फेन्सेडिल कफ सिरप को लेकर धनबाद में देवकृपा मेडिकल एजेंसी फर्म बनाई गई, जिसमें गिरफ्तार अमित टाटा ने 5 लाख रुपये लगाए. उसके बदले फायदे के तौर पर 22 लाख रुपये मिले. फायदे के लालच में अमित ने बनारस में भी ड्रग लाइसेंस लेकर फर्म खुलवाई.
अमित कुमार सिंह की ‘श्री मेडिकल’ के नाम से फर्म का भी सारा लेन-देन शुभम जायसवाल व उसके साथी ही देखते थे. शुभम जायसवाल एवं उसके पार्टनरों ने एबॉट कंपनी के अधिकारियों से मिलकर 100 करोड़ से अधिक का कफ सिरप खरीदा था, जिसमें ज्यादातर सिरप फर्जी खरीद-बिक्री बिल और ई-वे बिल बनाकर तस्करी के जरिए बेच दिया गया है.
रांची और गाजियाबाद में Police एवं एसटीएफ की टीम द्वारा उसके गैंग के सौरभ त्यागी, विभोर राणा आदि को गिरफ्तार किया गया, तो शुभम जायसवाल अपने परिवार एवं पार्टनर वरुण सिंह और गौरव जायसवाल के साथ Dubai भाग गया. शुभम जायसवाल एक ऐप के माध्यम से बात करता है.
बताया जा रहा है कि Madhya Pradesh में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में भी छापेमारी शुरू हुई. कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले. इसी जांच के दौरान वाराणसी के दवा व्यापारी शुभम जायसवाल का नाम सामने आया.
शुभम जायसवाल के साथ ही उसके पिता भोला प्रसाद का भी नाम सामने आया है. उन्हें भी आरोपी बनाया गया है. दोनों फरार हैं. बताया जा रहा है कि गाजियाबाद और वाराणसी में गोदाम बनाकर इस कफ सिरप की सप्लाई यूपी से Jharkhand, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश और बिहार से नेपाल जा रही थी.
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एएमटी/डीएससी