अहमदनगर (रालेगण-सिद्धि), 4 फरवरी . सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को से एक विशेष बातचीत में कई मुद्दों पर बहुत बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत, महाकुंभ भगदड़, मोदी सरकार के कार्यकाल को लेकर अपनी राय रखी.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर सवाल किए जाने पर अन्ना हजारे ने कहा कि एनडीए की जीत का एक प्रमुख कारण लोगों का विश्वास है. किसी भी पार्टी या संगठन के भीतर आचार, विचार की शुद्धता, त्याग और सच्चाई के मार्ग पर चलना जरूरी है, तभी जनता उनका समर्थन करती है और वोट देती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति में सही दृष्टिकोण और नैतिकता की आवश्यकता होती है. जब लोग त्याग और सत्य की राह पर चलने वाले नेताओं को देखते हैं, तब वह उनका समर्थन करते हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं उनके नज़दीक भी नहीं जाता. राजनीति से मेरा कोई लेने-देना नहीं है, मैं कभी ज्यादा किसी पक्ष और पार्टी से जुड़ा नहीं रहा हूं. अगर कहीं कोई कमी होती है तो आवाज उठाते हैं, वह किसी को सलाह नहीं देते.
अन्ना हजारे से जब उनके धार्मिक दृष्टिकोण को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर लोग मुझे धार्मिक मानते हैं तो यह उनकी धारणा है. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बिना अध्यात्म के इंसान नहीं बदल सकता. अध्यात्म का असली मतलब सिर्फ माला पहनने और जपने से नहीं है, बल्कि यह दुखी और पीड़ितों की सेवा करना है. यही भगवान की पूजा है. अन्ना ने बताया कि हर व्यक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य समझना जरूरी है, तभी समाज और देश की भलाई संभव है.
महाकुंभ भगदड़ पर अन्ना ने कहा कि जो लोग जिस रंग का चश्मा लगाते हैं, उसी तरह की दुनिया दिखाई देती है. अगर किसी के पास लाल रंग का चश्मा है तो वह लाल रंग की दुनिया देखेगा.
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सवाल पूछने पर अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई अच्छे कानून बनाए हैं. इन कानूनों ने भ्रष्टाचार पर काबू पाने में मदद की है. उनका मानना है कि कानून सबसे महत्वपूर्ण है, और जब कानून सख्त होते हैं, तो समाज में सुधार आता है.
क्या किसी बड़े नेताओं से आपकी बात होती है, के इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह सत्ता और पैसों के पीछे भागने वाले नेताओं से बातचीत नहीं करते. उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने प्रशांत भूषण से फोन पर बातचीत की, क्योंकि उन्हें वह एक अच्छा व्यक्ति मानते हैं. लेकिन सत्ता और पैसे के पीछे भागने वालों से वह कभी बात नहीं करते.
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पीएसके/