वैलेंटाइन डे पर नहीं राधा-कृष्ण दिवस पर युवा करें प्रेम का इजहार : अनिल विज

चंडीगढ़, 8 फरवरी . हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने वैलेंटाइन डे से पहले युवाओं से वैलेंटाइन डे की बजाय राधा-कृष्ण दिवस पर प्यार का इजहार करने की सलाह दी है.

अनिल विज ने से बात करते हुए कहा कि अगर किसी के मन में सच्चा प्रेम है और वह उसे व्यक्त करना चाहता है, तो इसके लिए वैलेंटाइन डे का दिन उपयुक्त नहीं है. इसकी बजाय, प्रेम को व्यक्त करने के लिए ‘राधा-कृष्ण दिवस’ मनाया जाना चाहिए, क्योंकि राधा-कृष्ण का प्रेम शाश्वत और अलौकिक है.

अनिल विज ने कहा कि आज के युवा गुलाब का फूल लेकर घूमते हैं, लेकिन उनमें से 90 प्रतिशत लोगों को यह भी नहीं पता कि वैलेंटाइन कौन थे. उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारतीय संस्कृति में प्रेम की इतनी पवित्र और महान परंपरा है, तो फिर पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित होकर वैलेंटाइन डे मनाने की जरूरत ही क्या है? विज ने कहा कि यदि कोई प्रेम में सच्चा विश्वास रखता है, तो उसे इसका दिव्य और अलौकिक उपहार पूरे वर्ष मिलेगा, न कि केवल एक दिन के लिए.

उन्होंने कहा कि राधा-कृष्ण का प्रेम भारतीय संस्कृति में रोम-रोम में बसा हुआ है. यह केवल एक सांसारिक प्रेम नहीं है, बल्कि अध्यात्म और भक्ति का प्रतीक भी है. ऐसे में प्रेम का इजहार करने का सबसे पवित्र दिन राधा-कृष्ण का दिन हो सकता है, इससे पवित्र और कोई दिन नहीं हो सकता.

उल्लेखनीय है कि वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है और इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन प्रेमी जोड़े एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हैं, उपहार देते हैं, गुलाब और चॉकलेट भेंट करते हैं और खास समय बिताते हैं.

इस दिन का संबंध सेंट वैलेंटाइन नामक एक ईसाई संत से जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि तीसरी शताब्दी में रोम के राजा क्लॉडियस द्वितीय सैनिकों की शादी को प्रतिबंधित कर रहे थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि शादी के बाद पुरुष अच्छे सैनिक नहीं बनते. लेकिन सेंट वैलेंटाइन ने गुप्त रूप से प्रेमी जोड़ों का विवाह कराया. जब यह बात सम्राट को पता चली, तो उन्होंने सेंट वैलेंटाइन को 14 फरवरी के दिन मौत की सजा दे दी. बाद में, उनकी याद में यह दिन प्रेम के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा.

पीएसएम/एकेजे