लाठीचार्ज को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थियों में गुस्सा, कहा- बिहार में तानाशाही अब भी कायम 

पटना, 29 दिसंबर . जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा रविवार को पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया गया था. इसके लिए लिए प्रशासन ने उनको अनुमति नहीं दी थी. प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए लाठी चार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग किया.

प्रदर्शन की अनुमति न मिलने के बावजूद प्रशांत किशोर अपने समर्थक छात्रों को लेकर गांधी मैदान पहुंचे . गांधी मैदान से प्रशांत किशोर के नेतृत्व में छात्र सीएम आवास का घेराव करने के लिए निकले . रास्ते में उन्हें बार-बार प्रशासन के द्वारा समझाया गया. फिर भी छात्र नहीं माने और बेरिकेड‍िंंग तोड़ कर आगे निकलने लगे. वहीं प्रशांत किशोर बीच रास्ते से लौट गांधी मूर्ति के पास बैठ गए और वहां से निकल गए.

वहीं, छात्र लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे, तब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और हल्का बल प्रयोग किया. इसमें कई छात्र घायल भी हो गए . जिन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.

महिला अभ्यर्थी अंशिका सिन्हा ने को बताया कि “एक लोकतांत्रिक देश में ऐसा तानाशाह कैसे हो सकता है . हम लोग छिप भी रहे थे तब भी लाठीचार्ज किया गया. सरकार अगर सोच रही है कि ऐसे तानाशाही कर के वो हमारी आवाज़ को बंद कर देंगे, वो गलत है . हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक री एग्जाम नहीं हो जाता.”

एक अन्य छात्रा रूबी ने कहा कि “सरकार ने छात्रों को मारापीटा है, आपने ये दिखाया है कि ब‍िहार में तानाशाही अब भी कायम है. ये उबाल नहीं खत्म होगा. आपने बच्चों को तोड़ा है, उनके कलम नहीं तोड़ पाएंगे. ये प्रोटेस्ट जारी रहेगा, जब तक री एग्जाम नहीं करवा लेते हैं.”

एससीएच/सीबीीटी