हरदोई, 27 अगस्त . उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित कछौना के फक्कड़ पुरी के दिलों में कभी कुरान की आयतों की सदायें गूंजती थीं, लेकिन अब उनकी आस्था भगवान शिव पर है. उन्हीं की सेवा में उन्होंने अपने को लगा रखा है.
मोहम्मद अनीस अब महंत फक्कड़पुरी के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं और अपने आराध्य की सेवा में जीवन को समर्पित कर दिया है. श्री पंचदश जूना अखाडा से दीक्षित, अनीश ने अपनी शादी के बाद से ही घर बार छोड़ दिया. शुरुआती दौर में मुस्लिम समाज के साथ कुछ सनातनियों का विरोध झेल चुके अनीश ने हार नहीं मानी और अपने आराध्यदेव भगवान शिव की आराधना में ऐसे लीन हुए कि 43 वर्ष कब बीत गये पता ही नहीं चला.
जानकारों ने बताया कि जन्म, लालन-पालन और निकाह मुस्लिम परिवार में होने के बाद भी कछौना के ही रहने वाले मोहम्मद नन्हे बाबा के बड़े पुत्र के रूप में जन्मे मोहम्मद अनीस के अन्य भाई-बहन भी हैं. बावजूद इसके इन्होंने न सिर्फ अपने दांपत्य जीवन का परित्याग किया, बल्कि घर समुदाय को भी छोड़ा.
इसके बाद अनीस ने लखनऊ-हरदोई रोड पर कछौना कस्बे से बाहर एक बरगद पेड़ के नीचे अपना स्थान बनाया और रहने लगे. यहां पर उन्होंने शांतिकुंज आश्रम की स्थापना की, फिर श्री पंचदास नाम जूना अखाड़ा से दीक्षा लेकर मोहम्मद अनीस से महंत फक्कड़पुरी बन गए.
फक्कड़पुरी उर्फ मोहम्मद अनीश ने बताया कि 43 साल से इस मंदिर से जुड़े हैं. उन्होंने बताया शुरू से ही मेरी भगवान शिव पर गहरी आस्था है. मैं शुरू से सनातनी परंपरा को मानता रहा हूं. बचपन से ही भगवान शिव को मानता रहा हूं. हमारे महंत यज्ञ कुंड नगा बाबा से गुरमंत्र ले लिया. इसके बाद मैने घर परिवार छोड़ दिया. मंदिर में आने के बाद मैने पीछे मुड़कर नहीं देखा. मुस्लिम होने के कारण पहले बहुत विरोध हुआ. मुस्लिम के साथ हिंदू लोग भी शिव की पूजा करने पर नाराज होते थे. लेकिन धीरे धीरे सब ठीक हो गया. इसके बाद मैने अपने मंदिर के लिए मूर्तियों काे बनाना शुरू कर दिया. करीब 100 से अधिक मूर्तियां बना डाली है.
सभी की नियमित पूजा होती है. सुबह शाम आरती होती है. सावन में शिवपुराण का आयोजन होता है. इस बार दो माह सावन होने के कारण इस बार भव्य आयोजन हो रहा है. चार बीघे में मंदिर है और यहां सभी भगवानों की मूर्तियां भी स्थापित हैं. उन्होंने लखनऊ-हरदोई मार्ग पर कोतवाली कछौना क्षेत्र में एक आश्रम स्थापित किया और उसका नामकरण किया शांतिकुंज आश्रम. वह यहीं अपने आराध्य शिव पार्वती की सेवा में लग गए.
स्थानीय लोग बताते हैं कि अनीस उर्फ़ फक्कड़ बाबा के आश्रम में पहुंचने पर में शांति मिलती है. उनके द्वारा खुद की बनायीं गयी शिव पार्वती की मूर्तियां व पांचों पांडव की मूर्तियां आश्रम में स्थापित हैं. जंगल मे स्थित सनातन महादेव के मंदिर पर रहकर बाबा फक्कड़ पुरी उर्फ़ मो अनीश शिव आराधना करते हैं.
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