आंध्र प्रदेश के जनसंख्या कानून को सामाजिक जागरूकता अभियान के रूप में लिया जाना चाहिए : नीरज कुमार

पटना, 23 अक्टूबर . आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में लागू जनसंख्या कानून को रद्द करते हुए ऐसे कानून लाने की बात की है जिसमें राज्य में उन्हीं लोगों को चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाएगा, जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे. इस पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने उनके इस ऐलान की सराहना की है. साथ ही उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद प्रियंका गांधी के नामांकन पर तंज कसा.

नीरज कुमार ने से बात करते हुए कहा, “चंद्रबाबू नायडू का मतलब ऐसा नहीं है. उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में चर्चा की और कहा कि इसे सामाजिक जागरूकता अभियान के रूप में लिया जाना चाहिए. अगर लिंगानुपात में कोई समस्या है, तो 2011 की जनगणना के अनुसार दक्षिणी राज्य केरल की जनसंख्या वृद्धि दर सबसे कम है. इसका कारण स्पष्ट है कि सामाजिक-आर्थिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी निवेश किया गया है, उसका सकारात्मक परिणाम आया है.”

उन्होंने आगे कहा, “बिहार को देखें तो अररिया की जनसंख्या वृद्धि दर 30.45 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले की जनसंख्या वृद्धि दर 30.54 प्रतिशत है. तो यहां बहुमत किसका है? मुसलमान कहां हैं? हिंदू कहां हैं? इस जनसंख्या का धर्म से क्या संबंध है? और कश्मीर में कुल मुस्लिम जनसंख्या 98 प्रतिशत है. तो वहां जनसंख्या वृद्धि दर 7.30 प्रतिशत है. यह सबसे कम वृद्धि दर है. बांग्लादेश को पूरी दुनिया में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक मॉडल माना जाता है. यह एक इस्लामिक देश है.”

इसके बाद उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद प्रियंका गांधी के नामांकन पर तंज कसते हुए कहा, “गांधी परिवार में जन्म लेना अपने-आप में एक विशेष अधिकार है. अगर कोई राजनीतिक परिवार में जन्म लेता है तो भाई को रोजगार मिल जाता है, लेकिन बहन को नहीं मिले, ऐसा हो सकता है. वायनाड में राजनीतिक कार्यकर्ता की क्या भूमिका है? कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता जिन्होंने अपना खून-पसीना बहाया, स्थानीय कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिला, लेकिन एक विशेष परिवार में जन्म लेने के कारण प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने जा रही हैं. चुनाव लड़ना उनका अधिकार है.”

पीएसएम/एकेजे