आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने भारतीय झींगा आयात करने के ऑस्ट्रेलिया के कदम की सराहना की

अमरावती, 21 अक्टूबर . आंध्र प्रदेश के शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश ने भारतीय झींगों के आयात की अनुमति देने के ऑस्ट्रेलियाई Government के फैसले का स्वागत किया है. लोकेश नारा अगले महीने विशाखापत्तनम में होने वाले सीआईआई पार्टनरशिप समिट के प्रचार के लिए ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय झींगों के आयात को मंजूरी दे दी है.

उन्होंने कहा कि भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के लिए लंबे समय से व्हाइट स्पॉट वायरस पाए जाने की वजह से अनपील्ड झींगों पर ऑस्ट्रेलिया का प्रतिबंध रहा है. आज, भारतीय झींगों के लिए पहली आयात मंजूरी दी गई है. इसे सुगम बनाने के लिए भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई Governmentों द्वारा किए गए व्यापक कार्य के लिए हम तहे दिल से आभारी हैं.

उन्होंने स्पष्ट रूप से अमेरिकी बाजार का जिक्र करते हुए कहा कि हमें एक बाजार पर अत्यधिक निर्भरता से खुद को बचाने के लिए नए बाजार खोलते रहना चाहिए. संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से आंध्र प्रदेश के जल उद्योग पर बुरा असर पड़ा है.

लोकेश ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने समुद्री खाद्य व्यापार पर ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी को और मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया है. उन्होंने लिखा कि आज, मैंने सीफूड इंडस्ट्री ऑस्ट्रेलिया (एसआईए) की सीईओ वेरोनिका पापाकोस्टा और एंगेजमेंट मैनेजर जैस्मीन केल्हेर से मुलाकात की और स्थायी जलीय कृषि और व्यापार नेटवर्किंग में साझेदारी पर चर्चा की. India के समुद्री खाद्य निर्यात में आंध्र प्रदेश का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है, जिसका मूल्य 2024-25 में 7.4 बिलियन डॉलर (66,000 करोड़ रुपए) है.

लोकेश ने आगे कहा कि मैं इस बात से प्रभावित हूं कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई समुद्री खाद्य को बढ़ावा देने और इसे एक प्रीमियम पेशकश बनाने के लिए ‘ग्रेट ऑस्ट्रेलियन सीफूड’ ब्रांड बनाया है. उन्होंने मूल्य श्रृंखला में भी प्रगति की है. हमें बहुत कुछ सीखना है, और हम संपर्क में रहेंगे और आंध्र प्रदेश के समुद्री खाद्य उद्योग को आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे.

उन्होंने बताया कि देश के झींगा निर्यात में आंध्र प्रदेश का योगदान 80 प्रतिशत और समुद्री निर्यात में 34 प्रतिशत है, जिसका वार्षिक निर्यात लगभग 21,246 करोड़ रुपए है. लगभग 2.5 लाख जलीय किसान परिवार और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर 30 लाख लोग मुश्किल में हैं.

Chief Minister ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का झींगा निर्यात पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. लगभग 50 प्रतिशत निर्यात ऑर्डर रद्द होने के साथ, 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

एमएस/डीकेपी