अमरावती, 9 अप्रैल . आंध्र प्रदेश में स्वयंसेवी प्रणाली पर राजनीतिक गरमाहट के बीच तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को वादा किया कि अगर टीडीपी सत्ता में आई तो न केवल इस प्रणाली को जारी रखेगी, बल्कि मानदेय को दोगुना भी करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने वादा किया कि स्वयंसेवकों को इस समय मिल रहे 5,000 रुपये के मुकाबले 10,000 रुपये प्रति माह भुगतान किया जाएगा.
उन्होंने यह वादा सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और टीडीपी के बीच स्वयंसेवी प्रणाली को लेकर जारी वाकयुद्ध के बीच किया, जिसे वाईएसआरसीपी ने 2019 में सत्ता में आने के बाद शुरू किया था.
लाभार्थियों के दरवाजे पर नागरिक सेवाओं का विस्तार करने के लिए जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लगभग 2.60 लाख गांव और वार्ड (शहरी क्षेत्रों में) स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया था.
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी अगले महीने के चुनाव प्रचार के दौरान दावा कर रहे हैं कि अगर टीडीपी सत्ता में आई तो स्वयंसेवक प्रणाली को खत्म कर देगी और उनकी सरकार द्वारा लागू की जा रही पेंशन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी.
सत्तारूढ़ दल ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण में देरी के लिए टीडीपी को दोषी ठहराया, क्योंकि विपक्षी दल ने चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी कि गांव और वार्ड स्वयंसेवकों के जरिए पेंशन वितरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
हालांकि, चंद्रबाबू नायडू ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि टीडीपी-जेएसपी-बीजेपी सत्ता में आती है तो स्वयंसेवक प्रणाली नागरिक सेवाओं का विस्तार जारी रखेगी.
उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वयंसेवकों को सेवा से नहीं हटाया जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट किया कि स्वयंसेवकों को सतर्क रहना चाहिए और आने वाले चुनावों में वाईएसआरसीपी के लिए काम नहीं करना चाहिए.
तेलुगू नववर्ष उगादी पर नायडू ने स्वयंसेवकों का मानदेय दोगुना करने का वादा किया. उन्होंने पार्टी द्वारा आयोजित उगादी समारोह में कहा, “टीडीपी-जेएसपी-बीजेपी गठबंधन के एक हिस्से के रूप में मैं वादा करता हूं कि हम आंध्र प्रदेश में स्वयंसेवक प्रणाली जारी रखेंगे. उगादी पर सभी स्वयंसेवकों के लिए यह हमारा संदेश है. हम वेतन राशि भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करेंगे.”
इससे पहले, नायडू ने आरोप लगाया था कि गांव और वार्ड के स्वयंसेवक सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि टीडीपी के सत्ता में लौटने पर वे एक राजनीतिक दल के हितों की पूर्ति के लिए काम करने वालों को नहीं बख्शेंगे.
विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि स्वयंसेवक सत्तारूढ़ पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और अवैध गतिविधियों में भी लिप्त हैं.
पिछले साल जुलाई में जनसेना अध्यक्ष और टॉलीवुड अभिनेता पवन कल्याण के आरोपों से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्वयंसेवक मानव तस्करी में मदद कर रहे थे.
इसे गंभीरता से लेते हुए वाईएसआरसीपी सरकार ने स्वयंसेवकों और सरकार के खिलाफ अपमानजनक बयान के लिए पवन कल्याण पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.
राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया, जिसमें सरकारी वकील को जेएसपी नेता के खिलाफ सक्षम अदालत में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया.
जीओ ने 9 जुलाई को एलुरु में पवन कल्याण के भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश में एनसीआरबी डेटा के अनुसार 29,000 महिलाओं के लापता होने का एकमात्र कारण स्वयंसेवक हैं.
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा था कि स्वयंसेवी प्रणाली को सेवा आदर्श वाक्य के साथ स्थापित किया गया था और संदिग्ध चरित्र वाले लोग आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि केवल संस्कारहीन लोग ही उन स्वयंसेवकों की आलोचना करेंगे जो जिम्मेदारी के साथ लोगों की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने पवन कल्याण को पिछले 10 वर्षों से टीडीपी के लिए काम करने वाला राजनीतिक स्वयंसेवक और पैकेज स्टार करार दिया.
“2,60,000 स्वयंसेवक, जिनमें से 60 प्रतिशत मेरी बहनें हैं, आस-पड़ोस के स्थानीय लोगों के बीच परिचित हैं. वे परिवार के सदस्यों की तरह काम करते हैं और जाति, धर्म और राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठकर पारदर्शी तरीके से सेवाएं देते हैं.”
175 सदस्यीय आंध्र प्रदेश विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए 13 मई को चुनाव होने हैं.
टीडीपी, जेएसपी और बीजेपी सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी से मुकाबला करने के लिए एकजुट हुई हैं.
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एसजीके/