झारखंड: एसआईआर से पहले मतदाताओं की पैतृक मैपिंग तेज, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

रांची, 18 नवंबर . Jharkhand में वोटर लिस्ट की एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य भर में पहली बार मतदाताओं की पैतृक मैपिंग का अभियान चलाया जा रहा है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने Tuesday को सभी जिलों के ईआरओ और उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस कार्य को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए.

सीईओ ने बताया कि वर्तमान मतदाता सूची के नामों को वर्ष 2003 की मतदाता सूची से जोड़कर पैतृक मैपिंग का काम जारी है. कई विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया 70 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है, जिससे आगामी गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया और अधिक सुगम होगी.

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में प्रगति अपेक्षाकृत कम है, वहां वोटर आउटरीच प्रोग्राम चलाकर इस कार्य में तेजी लाई जाए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पैतृक मैपिंग में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह कार्य निर्वाचन आयोग के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे निर्धारित समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य है.

उन्होंने निर्देश दिया कि Political दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करें और उनसे बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति में तेजी लाने का आग्रह करें ताकि आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके.

बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार ठाकुर और सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारी व उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित रहे.

राज्य में पहली बार हो रही पैतृक मैपिंग को आयोग मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने की बड़ी पहल मान रहा है. इसके सफलतापूर्वक पूरा होने से मतदाता सूची में दोहरे नाम, मृतक मतदाताओं के नाम और स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान में भी मदद मिलेगी, जिससे आगामी चुनावी प्रक्रियाएं और अधिक सटीक और पारदर्शी हो सकेंगी.

एसएनसी/पीएसके