महाराष्ट्र की गलती दोहराने के बचने के लिए बिहार में जल्द सीटों का बंटवारा हो : आनंद दुबे

Mumbai , 12 सितंबर . बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई अंतिम घोषणा नहीं हुई है, लेकिन हालिया बैठकों से संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इस पर सहमति बन सकती है.

इस बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने चेतावनी दी है कि इंडिया ब्लॉक को महाराष्ट्र वाली गलती दोहरानी नहीं चाहिए. जल्द से जल्द सीएम फेस और सीट बंटवारा तय कर लेना चाहिए, ताकि मजबूत रणनीति के साथ चुनाव लड़ा जा सके. महाराष्ट्र में देरी से गठबंधन कमजोर पड़ा था और बिहार में भी विलंब से एनडीए को फायदा हो सकता है.

शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने से बातचीत में कहा कि राजनीति में अनुशासन और समझदारी जरूरी है. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने सीट बंटवारा और नेतृत्व का चेहरा पहले तय कर लिया होता, तो परिणाम अलग हो सकते थे और एमवीए की सरकार बन सकती थी. बिहार में इंडिया गठबंधन को ऐसी गलती नहीं दोहरानी चाहिए.

उन्होंने महागठबंधन को मजबूत स्थिति में चुनाव लड़ने के लिए सीएम फेस और सीट बंटवारा जल्द स्पष्ट करने की सलाह दी, ताकि गठबंधन में मनमुटाव न हो. उन्होंने भाजपा पर साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने पर उन्होंने कहा कि वे देश के नेता प्रतिपक्ष के रूप में बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं. उनके कार्यक्रम पहले से तय होते हैं, जिसके कारण वे हर जगह उपस्थित नहीं हो पाते. राहुल गांधी की अनुपस्थिति का मतलब यह नहीं कि वे उपराष्ट्रपति पद या व्यक्ति का सम्मान नहीं करते. राहुल गांधी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, Prime Minister और गृहमंत्री जैसे संवैधानिक पदों का पूरा आदर करते हैं.

उन्होंने कहा कि यदि कार्यक्रमों में टकराव न होता, तो राहुल गांधी निश्चित रूप से समारोह में शामिल होते और शिष्टाचार भेंट करते. वे जल्द ही उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें बधाई देंगे.

बिहार कांग्रेस की ओर से Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ जारी एआई वीडियो को उन्होंने महिलाओं का अपमान तथा राजनीति के निचले स्तर का उदाहरण बताया है. उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी पर निजी तौर पर हमला करना गलत है. राजनीति के लिए कई मुद्दे हैं, जिस पर चर्चा हो सकती है. मैं समझता हूं कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर दलों को चर्चा करनी चाहिए.

उन्होंने Bengaluru के शिवाजी नगर में बने मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज नगर करने की मांग की. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत के आराध्य देव हैं और स्टेशन का नाम उन पर रखना देश में सद्भावना और एकता का संदेश देगा. सरकार अन्य स्टेशनों को अलग नाम दे सकती है, लेकिन इस स्थान पर शिवाजी महाराज का नाम देना उचित होगा. इस मांग को लेकर सरकार को पत्र लिखा गया है और जल्द ही सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है.

डीकेएम/एबीएम