गुमला, 26 दिसंबर . झारखंड के गुमला जिले में 60 वर्षीय बुधेश्वर उरांव को जलती चिता में फेंककर जिंदा जला दिए जाने की दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है. आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे झाड़-फूंक, डायन-ओझा से जुड़ा अंधविश्वास हो सकता है. पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है.
वारदात के मुख्य आरोपी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. घटना गुमला जिला मुख्यालय के पास स्थित कोरांबी गांव की है. बुधेश्वर उरांव के पुत्र संदीप उरांव ने बताया कि गांव की एक महिला मंगरी उराईन नहाने के दौरान पैर फिसलने से कुएं में गिर गई थी. उन्हें ग्रामीणों ने बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी.
पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की शाम गांव के श्मशान घाट पर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. बुधेश्वर उरांव भी अंतिम यात्रा में शामिल होने गए थे. वहां मृतका के परिजनों और गांव के कुछ अन्य लोगों ने बुधेश्वर उरांव की बुरी तरह पिटाई की और इसके बाद उन्हें मंगरी उराईन की जलती चिता में फेंक दिया.
संदीप उरांव ने पुलिस को बताया कि उसके पिता जब घर वापस नहीं आए तो उसने तलाश शुरू की. इस पर गांव के ही कुछ लोगों ने घटना की जानकारी दी. वह श्मशान पहुंचा तो उसके पिता का अधजला शव वहीं पड़ा था. संदीप उरांव की सूचना पर गुमला सदर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और अधजले शव को बरामद किया. जांच के लिए रांची से फॉरेंसिक टीम भी गुरुवार को गुमला पहुंची.
थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है. उसने बुधेश्वर उरांव को चिता में फेंकने की बात भी स्वीकार कर ली है. पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
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एसएनसी/एबीएम