डायबिटीज के मरीजों के लिए अमृत समान हैं ये चीजें, अपनी डाइट में जरूर करें शामिल

New Delhi, 5 अक्टूबर . मधुमेह यानी शुगर आज के समय की सबसे तेजी से फैलती बीमारियों में से एक है. इसका पूरी तरह उपचार कठिन है, लेकिन इसे नियंत्रित रखना हमारे हाथ में है. आयुर्वेद के अनुसार आहार ही औषधि है. आयुर्वेदिक आहार न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं, बल्कि शरीर की ऊर्जा, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सशक्त बनाते हैं.

मधुमेह रोगियों के लिए कुछ आयुर्वेदिक आहार अमृत समान माने गए हैं. इनमें पहला है करेला, जिसे प्राकृतिक इंसुलिन कहा गया है. इसमें मौजूद चारेंटिन तत्व रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित रखता है. नियमित रूप से करेला जूस या सब्जी का सेवन करना अत्यंत लाभकारी होता है.

मेथी दाना भी शुगर नियंत्रण में सहायक है, क्योंकि इसमें फाइबर और अमिनो एसिड पाए जाते हैं, जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं. रातभर पानी में भिगोए मेथी दानों का सुबह सेवन करने से बेहतरीन परिणाम मिलते हैं. इसी तरह जामुन और इसके बीज प्राकृतिक एंटीडायबिटिक के रूप में कार्य करते हैं, जो ब्लड शुगर नियंत्रित करने के साथ प्यास और बार-बार पेशाब जाने की समस्या को भी कम करते हैं.

आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जो अग्न्याशय की कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर इंसुलिन स्राव को संतुलित करता है.

गुड़मार की पत्तियां, जिसे आयुर्वेद में मधुनाशिनी कहा गया है, शुगर को नष्ट करने का कार्य करती हैं और मीठा खाने की क्रेविंग को कम करती हैं. दालचीनी का सेवन भी अत्यंत उपयोगी है, क्योंकि यह ब्लड शुगर घटाने के साथ इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाती है. गुनगुने पानी या चाय में दालचीनी मिलाकर पीने से बेहतर परिणाम मिलते हैं.

नीम की पत्तियां रक्त को शुद्ध करने और शुगर नियंत्रण में सहायक हैं. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और संक्रमणों से बचाव करती हैं. अलसी के बीज, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर होते हैं. ब्लड शुगर स्पाइक को रोकते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं. तुलसी के पत्ते इंसुलिन के कार्य को सुधारते हैं. साथ ही तनाव और थकान को कम करते हैं. इसके अलावा जौ का सेवन भी लाभकारी होता है. यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखता है.

मधुमेह रोगियों को हल्का, सुपाच्य और समय पर भोजन करना चाहिए. तैलीय, मीठे और फास्ट फूड से परहेज आवश्यक है. इसके साथ ही दिनभर में थोड़े-थोड़े अंतराल पर भोजन करना, योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करना, पर्याप्त नींद लेना और तनावमुक्त रहना ये सभी नियम उतने ही जरूरी हैं जितना सही आहार.

पीआईएम/वीसी