‘पंजाबियों को धमकी मत देना अमित शाह जी’, अमृतसर में गरजे केजरीवाल

अमृतसर, 27 मई (आईएएनस). लोकसभा चुनाव के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से धुआंधार प्रचार का सिलसिला जारी है. बीजेपी जहां अपने 10 साल की उपलब्धियों को जनता के बीच पेश कर रही है, वहीं विपक्षी दल केंद्र की खामियों को लोगों के बीच ले जाकर उन्हें रिझा रहे हैं.

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अमृतसर पहुंचे. यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को विस्तार से बताया. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी जमकर निशाना साधा.

मुख्यमंत्री केजरीवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रविवार को दिए गए बयान को लेकर उन पर जमकर बरसे. दरअसल, शनिवार को अमित शाह ने पंजाब के लुधियाना में एक रैली को संबोधित करने के क्रम में चार जून के बाद भगवंत मान की सरकार गिरने का दावा किया था. इस पर सोमवार को केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए गृह मंत्री को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा, “अमित शाह जी धमकी देकर गए हैं, कह रहे हैं कि चार जून के बाद भगवंत मान की सरकार नहीं रहेगी. आखिर इन लोगों को इतना भरोसा कैसे है? 92 सीट है यार? कैसे गिरा दोगे? वो खुलकर कह रहे हैं कि हम सरकार गिरा देंगे. गजब की तानाशाही मचा रखी है. वो खुलेआम कह रहे हैं कि हम तुम्हारे विधायक तोड़े देंगे. तुम्हारी सरकार धराशायी कर देंगे. ईडी और सीबीआई लगा देंगे. उन्हें पैसों से खरीद लेंगे. देश के गृह मंत्री खुलकर सरकार गिराने की धमकी मंच से दे रहे हैं. आप लोग वीडियो भी देख सकते हैं. वीडियो में अमित शाह जी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि चार जून के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे. भगवंत मान उसके बाद से मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे.“

केजरीवाल ने आगे कहा, “मैं आप लोगों को कहना चाहता हूं कि पंजाबी दिल के बहुत बड़े होते हैं. अगर आप लोग प्यार से दो-तीन सीट मांग लेते, तो आपको शायद मिल भी जाती, लेकिन आपने जिस तरह से खुलेआम धमकी दी है, वो ठीक नहीं किया है. अमित शाह जी पंजाब के लोगों को धमकी मत देना. पंजाबियों का दिल बहुत बड़ा होता है, क्योंकि अगर पंजाबी खड़े हो गए, तो मुश्किल हो जाएगी. आपका पंजाब में घुसना तक दूभर हो जाएगा.“

मुख्यमंत्री ने कहा, “याद कीजिए, किस तरह से इन लोगों ने किसान आंदोलन के साथ किया. किसानों को इन लोगों ने दिल्ली जाने नहीं दिया. किसानों को रोकने के लिए इन्हीं लोगों ने कांटों के तार बिछाए. क्या दिल्ली इन लोगों के पिताजी की है? किसान आंदोलन में किसान क्या कह रहे थे कि हमें दिल्ली जाना है. दिल्ली तो इस देश के लोगों की है. 140 करोड़ लोगों की है दिल्ली. दिल्ली इन लोगों की थोड़ी ना है. लेकिन, इसके बावजूद भी इन लोगों ने किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया और ना ही इनके दर्द को सुना. 700 किसानों को इस आंदोलन में अपनी जान गंवानी पड़ी. उनमें सबसे ज्यादा पंजाब के थे. इन्होंने आपको दिल्ली नहीं जाने दिया. इस बार आप ऐसा बटन दबाना कि इन लोगों को दिल्ली से बाहर जाना पड़े. दिल्ली में अब इनकी पार्टी को मत रहने देना.“

एसएचके/