‘अमित शाह गृहमंत्री हैं, लेकिन उनको समझ नहीं आता कि आर्टिकल 370 अभी भी संविधान का हिस्सा’ : आलोक शर्मा

नई दिल्ली, 7 सितंबर . चुनावी राज्य जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने से खास बातचीत करते हुए भाजपा पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री हैं लेकिन उनको समझ नहीं आता कि आर्टिकल 370 अभी भी संविधान का हिस्सा है.

कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने कहा, अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री हैं, लेकिन उनको अभी तक ये नहीं पता है कि आर्टिकल 370 अभी भी संविधान का हिस्सा है. आपने केवल दो बदलाव किए हैं. शाह ने खुद संसद में खड़े होकर कहा था कि कांग्रेस ने 36 बदलाव किए और भाजपा ने सिर्फ दो बदलाव किए, उसमें से भी एक को वापस ले लिया.

आलोक शर्मा ने भाजपा पर तंज कसते हुए आगे कहा, अमित शाह बताएं कि क्या जनसाधारण जम्मू-कश्मीर में जाकर जमीन खरीद सकता है? सुप्रीम कोर्ट का डंडा चलने के बाद केंद्र सरकार 10 साल में यहां चुनाव करा रही है. उनको बताना चाहिए कि 10 साल में जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या काम किया. उनको अपने काम पर वोट मांगना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने यहां लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ा. उन्होंने लेह लद्दाख में चुनाव क्यों नहीं लड़ा. उनको बताना चाहिए कि सतपाल मलिक डेढ़ सौ करोड़ की फाइलों के बारे में क्या कह रहे थे?

बता दें कि इससे पहले भाजपा ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया था. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि “यहां अब तक जितनी भी पार्टियां सत्ता में रहीं, सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति और लोगों के हितों पर कुठाराघात करने का काम किया.”

आर्टिकल 370 का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा था, “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में अब किसी भी कीमत पर अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जाएगा, चाहे कुछ भी हो जाए. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवाद की कमर टूटी है. अब अगर किसी भी राजनीतिक दल ने यहां सत्ता में आने पर इसे बहाल करने की कोशिश की, तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि एक बार फिर से घाटी में आतंकवाद को बल मिलेगा.”

उन्होंने आगे कहा था, “2014 तक आतंकवाद के कहर से घाटी कराहता रहा है, लेकिन 2014 के बाद से 2024 तक घाटी में आए बदलाव को इतिहास के रूप में दर्ज किया जाएगा. घाटी में हुई अब तक की घटनाओं को ऐतिहासिक घटनाओं के रूप में दर्ज किया जाएगा. पिछले 10 साल में हमारी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर विशेष बल दिया है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी कुछ लोग घाटी में आए, लेकिन वे सकारात्मक बदलाव को समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.”

एससीएच/जीकेटी