अमित मालवीय को बंगाली भाषा के बारे में कोई जानकारी नहीं : बिमान बनर्जी

कोलकाता, 4 अगस्त . भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि भारत में ‘बांग्ला भाषा’ नाम की कोई भाषा नहीं है. उन्होंने कहा है कि वास्तव में बंगाली कोई एक समान भाषा नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और जातीय पहचान को प्रतिबिंबित करता है.

अमित मालवीय के इस बयान पर बंगाल की सियासत गर्मा गई है. पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि अमित मालवीय को कुछ पता नहीं है. अगर वो भारतीय होते तो उन्हें बंगाली भाषा के बारे में जरूर जानकारी होती. जो बंगाल के योगदान को नहीं जानता है, उससे उम्मीद करना कि वो भारत के बारे में जानता है, ये सरासर गलत है.

अमित मालवीय के बयान पर भाजपा नेता और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने कहा कि अमित मालवीय ने ऐसा कुछ नहीं कहा है. इस विषय पर जो कुछ भी कहना है, वह राज्य के भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ही कहेंगे.

वहीं एक अन्य घटनाक्रम में कोलकाता के टालीगंज विधानसभा क्षेत्र के कुदघाट इलाके में एनआरसी और एसआईआर के डर से एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा नेता शंकर घोष ने कहा कि किसी की जान जाना बहुत दुखद है. यह तृणमूल की साजिश है या नहीं, यह देखना होगा.

उन्होंने आगे कहा कि एसआईआर को लेकर टीएमसी की ओर से भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.

दरअसल पश्चिम बंगाल की Chief Minister ममता बनर्जी ने दिल्ली पुलिस द्वारा बंगाली भाषा को ‘बांग्लादेशी’ भाषा बताने वाले कथित दावे की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने इसे ‘निंदनीय, अपमानजनक, राष्ट्र-विरोधी और असंवैधानिक’ करार देते हुए केंद्र सरकार पर बांग्ला भाषी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि यह भारत के सभी बांग्ला भाषी लोगों का अपमान है. वे ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते जो हम सभी को नीचा दिखाए और अपमानित करे. हम भारत की बंगाली-विरोधी सरकार के खिलाफ तत्काल और कड़े विरोध का आग्रह करते हैं, जो भारत के बांग्ला-भाषी लोगों का अपमान करने के लिए ऐसी संविधान-विरोधी भाषा का प्रयोग कर रही है.

एकेएस/जीकेटी