नई दिल्ली, 8 सितंबर . हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है. इससे पहले ही ‘आप’ के अंदर नाराजगी देखने को मिल रही है. सोमनाथ भारती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने लिखा, “हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन पर मुहर लगने से पहले आम आदमी पार्टी को मूल्यांकन करना चाहिए क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में ऐसा ही गठबंधन किया गया था.”
सोमनाथ भारती ने लिखा, “मेरे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, वहीं आप के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. लेकिन आप उम्मीदवारों, खासकर मुझे, दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं से बिल्कुल भी समर्थन नहीं मिला. दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सरदार अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेसी नेता चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.”
उन्होंने आगे लिखा, “वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, मालवीय नगर से जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसे के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. हमारे संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में मजबूत करने के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे के तरफ से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था.”
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “आप के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आप को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए.”
उन्होंने लिखा, “हरियाणा बीजेपी अपनी मृत्यु शैया पर है, कांग्रेस बड़े पैमाने पर अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है और हरियाणा सीएम केजरीवाल का गृह राज्य है. आप को हरियाणा में पहली गैर-भाजपाई और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार रखने का कारण दिया, उसकी साजिश अजय माकन ने ही रची थी और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया था. जब आप को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खुलेआम या चुपके से एक साथ काम करते हैं.”
बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है और 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. एक तरफ, भाजपा प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही है. दूसरी तरफ, कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की नहीं बनने वाली है.
इन सब के बीच आम आदमी पार्टी हरियाणा में अपनी जमीन तलाश रही है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ सकती है. हालांकि, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तय नहीं हो पाया है.
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आरके/केआर