New Delhi, 16 अगस्त . डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन रूस से तेल खरीद पर India पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अपने फैसले को टाल सकता है, ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अमेरिकी President ने बयान दिया है कि रूस पहले ही एक प्रमुख तेल ग्राहक (भारत) को खो चुका है.
रूसी President व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में बैठक के लिए जाते समय एयर फोर्स वन में फॉक्स न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका उन देशों पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगा सकता जो रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं.
ट्रंप ने कहा, “उन्होंने (व्लादिमीर पुतिन) ने अपना एक अहम ग्राहक खो दिया है, जो कि India है और करीब 40 प्रतिशत रूसी तेल खरीद रहा है. वहीं, चीन भी ऐसा ही कर रहा है. अगर मैंने अतिरिक्त टैरिफ लगाए तो यह उनके लिए विनाशकारी होगा. अगर मुझे लगता है कि यह जरूरी है, तो मैं करूंगा. हो सकता है मुझे यह न करना पड़े.”
अमेरिका की ओर से India पर 27 अगस्त से 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है.
इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि अगर अलास्का शिखर सम्मेलन में ट्रंप और पुतिन के बीच “चीजें ठीक नहीं रहीं”, तो रूसी तेल खरीदने के लिए India पर अतिरिक्त टैरिफ और बढ़ सकते हैं.
अमेरिकी टैरिफ पर India Government पहले ही कह चुकी है कि उन्हें निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है.
Government ने कहा, “किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, India अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.”
इसके अतिरिक्त, इस साल की शुरुआत से India ने अमेरिका से तेल और गैस की खरीद में तेज वृद्धि की है. इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका के साथ India के ट्रेड सरप्लस में कमी आई है, जो ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति का एक प्रमुख लक्ष्य है.
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल जनवरी से जून तक अमेरिका से India का तेल और गैस आयात 51 प्रतिशत तक बढ़ गया है. अमेरिका से देश का एलएनजी आयात वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 1.41 अरब डॉलर था.
Prime Minister Narendra Modi ने फरवरी में आश्वासन दिया था कि India अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में मदद के लिए अमेरिका से ऊर्जा आयात को 2024 के 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 में 25 अरब डॉलर कर देगा. इसके बाद, Governmentी स्वामित्व वाली भारतीय तेल और गैस कंपनियों ने अमेरिकी कंपनियों से और अधिक दीर्घकालिक ऊर्जा खरीद के लिए बातचीत शुरू कर दी. New Delhi ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह रूसी तेल पर निर्भरता कम करने के लिए अपने ऊर्जा आयात स्रोतों में विविधता ला रही है.
Government के अनुसार, India और अमेरिका के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक संबंध है जो व्यापार से कहीं आगे तक जाता है.
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एबीएस/