सियोल, 1 जून . संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने लेटेस्ट ट्रेड नेगोशिएशन में बीफ इंपोर्ट, आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव (एलएमओ), हाई प्रिसिशन मैप डेटा को विदेश भेजने पर लगी पाबंदियों को हटाने के लिए कहा है. ये मुद्दे दोनों देशों के बीच हुई हाल की व्यापार वार्ताओं में उठाए गए थे.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में बताया कि मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, पिछले महीने वाशिंगटन में दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन और गैर-टैरिफ बाधाओं सहित विभिन्न व्यापार मुद्दों पर तकनीकी चर्चा हुई, जिसके दूसरे दौर में इन तीन बातों का उल्लेख किया गया था.
2025 नेशनल ट्रेड एस्टीमेट (एनटीई) रिपोर्ट में विदेशी व्यापार बाधाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिसे अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने अप्रैल की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की देश-विशिष्ट रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा से पहले जारी किया था.
एनटीई रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण कोरिया ने 2008 में द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 30 महीने या उससे अधिक उम्र के मवेशियों से अमेरिकी बीफ के इंपोर्ट पर बैन लगा रखा है. यह “अस्थायी उपाय” 16 साल से लागू है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सियोल का एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी के लिए रेगुलेटरी सिस्टम, जिसमें एलएमओ अधिनियम शामिल है, अमेरिकी कृषि निर्यात के लिए चुनौतियां पेश करता है. इसके अलावा, स्थान-आधारित डेटा के निर्यात पर कोरिया की पाबंदियों के कारण अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं को प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो रहा है.
गूगल ने बार-बार दक्षिण कोरियाई सरकार से देश के उच्च-सटीक मैप डेटा को विदेश में ट्रांसफर करने की इजाजत मांगी है, लेकिन सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल संप्रभुता की चिंताओं का हवाला देते हुए इस अनुरोध को खारिज कर दिया है. सियोल सरकार अगस्त तक इस तरह के ट्रांसफर की अनुमति देने फैसला करने जा रही है.
सियोल और वाशिंगटन व्यापार मुद्दों पर एक पैकेज डील तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं. इसमें टैरिफ, नॉन-टैरिफ बाधाएं और आर्थिक सहयोग शामिल हैं, जो 8 जुलाई तक पूरा होगा, जब ट्रंप प्रशासन के रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90-दिन की रोक खत्म होगी.
दक्षिण कोरिया ट्रंप प्रशासन के 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ से पूरी छूट या इसमें कमी की मांग कर रहा है. इसके साथ ही स्टील, ऑटोमोबाइल और दूसरे इंपोर्ट पर सेक्टोरल टैरिफ में कमी की भी मांग कर रहा है.
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आरएसजी/एएस