अमेरिका और जापान ने उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति दोहराई प्रतिबद्धता

वाशिंगटन, 8 फरवरी . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने शुक्रवार को उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी ‘दृढ़’ प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

आमने-सामने की शिखर वार्ता के बाद ट्रंप और इशिबा ने एक संयुक्त बयान जारी किया. दोनों पक्षों ने दक्षिण कोरिया के साथ त्रिपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया.

संयुक्त बयान में कहा गया, “दोनों नेताओं ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की और डीपीआरके के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की.”

बयान के मुताबिक, “दोनों देशों ने डीपीआरके की दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों को रोकने और उनका मुकाबला करने, रूस के साथ डीपीआरके के बढ़ते सैन्य सहयोग पर ध्यान देने पर जोर दिया. इसके अलावा, डीपीआरके को जवाब देने, क्षेत्रीय शांति एवं समृद्धि को बनाए रखने में जापान-अमेरिका-आरओके त्रिपक्षीय साझेदारी के महत्व की पुष्टि की.”

आरओके दक्षिण कोरिया के आधिकारिक नाम, कोरिया गणराज्य का संक्षिप्त रूप है, जबकि डीपीआरके उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का संक्षिप्त रूप है.

यह शिखर व्रार्ता उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ ट्रंप की व्यक्तिगत कूटनीति की संभावित बहाली की उम्मीदों के बीच हुई.

पिछले महीने फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा कि वह फिर से किम से संपर्क करेंगे. उन्होंने किम को ‘स्मार्ट आदमी’ भी कहा.

ट्रंप ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन उम्मीदों को पुख्ता करते हुए कहा कि किम के साथ मिलना-जुलना “एक अच्छी बात है, बुरी बात नहीं. हम उत्तर कोरिया, किम जोंग-उन के साथ संबंध बनाए रखेंगे.” उन्होंने आगे कहा, “हमारे बीच अच्छे संबंध थे, और मुझे लगता है कि यह सभी के लिए बहुत बड़ी संपत्ति है कि मैं उनके साथ मिलता हूं.”

राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने ‘युद्ध को रोका’ और अगर वे राष्ट्रपति चुनाव नहीं जीतते, तो लोग ‘बहुत बुरी स्थिति में फंस जाते.’

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