अंबेडकर जयंती: थलापति विजय ने दी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि

चेन्नई/कोयंबटूर, 14 अप्रैल . तमिलनाडु में तमिल नववर्ष (चिथिराईकनी या पुथांडु) और बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा, फलों और सब्जियों से सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. तमिलगा वेत्री कझगम के अध्यक्ष थलापति विजय ने भी चेन्नई में अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी.

थलापति विजय ने चेन्नई के पलवक्कम में बाबा साहेब अंबेडकर की 134वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उन्होंने अंबेडकर को अपनी पार्टी का राजनीतिक प्रेरणास्रोत बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.

विजय ने कहा कि अंबेडकर, पेरियार, कामराज जैसे नेता उनकी पार्टी के मार्गदर्शक हैं. पार्टी ने हर साल उनके जन्मदिन और स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि देने का संकल्प लिया है.

वहीं, तमिल नववर्ष के मौके पर कोयंबटूर के प्रसिद्ध पुलियाकुलम मुंथी विनायकर मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति को दो टन फलों से सजाया गया. आम, कटहल, केला, अनार, संतरा, सेब और अन्य फलों से की गई यह सजावट देखने लायक थी. सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी. मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना हुई और भक्तों ने नए साल की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. कोयंबटूर के अन्य मंदिरों में भी तमिल नववर्ष को उत्साह के साथ मनाया गया.

इसी तरह, करूर के अन्ना नगर स्थित करपाका विनायकर मंदिर में 1500 किलो फलों और सब्जियों से भव्य सजावट की गई. बैंगन, मूंग, चुकंदर, करेला, संतरा, सेब, अनानास और अंगूर जैसी चीजों से नवग्रहों और अन्य देवताओं की आकृतियां बनाई गईं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचे और तमिल नववर्ष की खुशियां मनाईं.

त्रिची में भी तमिल नववर्ष उत्सव मनाया गया. लंबी कतारों में खड़े भक्तों ने प्रार्थना की और आशीर्वाद मांगा. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और यातायात कर्मियों को तैनात किया गया, जिससे व्यवस्था सुचारू रही. तमिल नववर्ष को परिवारों ने घरों में आम, केला और कटहल की पूजा करके भी मनाया. यह पर्व नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है.

कुंभकोणम के गणपति अग्रहारम में ग्रामीणों ने पारंपरिक “नाल येरु कट्टू” समारोह आयोजित किया. इस दौरान अच्छी फसल और बारिश के लिए पूजा की गई. बैलों की कमी के कारण कई किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ इस रस्म को निभाया. यह आयोजन सांस्कृतिक विरासत को आधुनिकता के साथ जोड़ने का शानदार उदाहरण था.

एसएचके/केआर