मुंबई, 2 मई . शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने शुक्रवार को जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि जातिगत जनगणना की मांग अगर किसी ने सबसे पहले उठाई थी, तो वह कांग्रेस ही थी. हमारी पार्टी के नेताओं ने ही सबसे पहले इस मांग को उठाया था और अब जब जातिगत जनगणना कराए जाने का फैसला केंद्र सरकार की तरफ से किया जा चुका है, तो भाजपा के नेता बेकार का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं.
अंबादास दानवे ने कहा कि जातिगत जनगणना के बाद जिस जाति के लोगों की संख्या जितनी ज्यादा होगी, उसे उतना ज्यादा आरक्षण दिया जाएगा. आखिरकार जातिगत जनगणना का मकसद तो यही है, न? लेकिन, भाजपा के लोग इधर-उधर की बातें कर रहे हैं.
उन्होंने जातिगत जनगणना को राजनीतिक दांव बताते हुए कहा कि अभी केंद्र सरकार की तरफ से यह नहीं बताया गया कि आखिर कब तक जातिगत जनगणना संपन्न कर ली जाएगी. ऐसी स्थिति में तो यही सवाल उठ रहे हैं कि यह भाजपा की तरफ से उठाया गया राजनीतिक कदम ही है. लेकिन, अगर भाजपा की तरफ से तारीख बता दी जाती, जिसमें यह स्पष्ट कर दिया जाता कि फलां तारीख तक जातिगत जनगणना संपन्न कर ली जाएगी, तो हम कहेंगे कि बिल्कुल इसमें किसी भी प्रकार राजनीति नहीं हो रही है.
इसके अलावा, उन्होंने पहलगाम टेरर अटैक के संदर्भ में कहा कि हमें यहां पर एक बात समझनी होगी कि जातिगत जनगणना और पहलगाम हमला दोनों ही अलग विषय हैं. मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पहलगाम हमले के मामले में पूरा देश एकजुट है. इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए. हम यह मांग करते हैं कि आतंकियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से आते हैं और सीधा बिहार चले जाते हैं. वह आतंकवादी हमले के संदर्भ में किसी भी प्रकार की सर्वदलीय बैठक बुलाने की जहमत नहीं उठाते हैं. ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना तो लाजिमी है कि इनके लिए पहलगाम हमला बड़ा है या बिहार चुनाव. लेकिन, जिस तरह से प्रधानमंत्री बिहार गए, उससे तो यही जाहिर होता है कि उनके लिए बिहार चुनाव बड़ा है.
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एसएचके/एकेजे