अमरनाथ यात्रा दूसरे दिन भी जम्मू से स्थगित, सिर्फ बालटाल से गुफा की ओर जाने की इजाजत

श्रीनगर, 1 अगस्त . अमरनाथ यात्रा Friday को लगातार दूसरे दिन भी जम्मू से घाटी तक स्थगित रही. यात्रियों को केवल बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति दी गई.

Thursday तक यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 4 लाख का आंकड़ा पार कर गई है.

उपGovernor मनोज सिन्हा, जो श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के चेयरमैन भी हैं, ने Thursday को तीर्थयात्रियों की संख्या 4 लाख पार करने पर कहा, “बाबा अमरनाथ असंभव को संभव बना देते हैं. उनके आशीर्वाद से पवित्र यात्रा आज 4 लाख का आंकड़ा पार कर गई. मैं इस चमत्कार के लिए भगवान शिव को नमन करता हूं और इस पवित्र तीर्थयात्रा को श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव बनाने में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.”

एसएएसबी के अधिकारियों ने बताया कि Friday को जम्मू से घाटी की ओर यात्रियों की आवाजाही नहीं होगी और पहलगाम बेस कैंप से किसी भी यात्री को पवित्र गुफा मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि उस क्षेत्र में ट्रैक का रखरखाव कार्य चल रहा है.

यात्रियों को केवल बालटाल बेस कैंप से ही पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति होगी.

अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें Pakistan समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय Police की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है. जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है. सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय Police की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं. पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है.

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं.

तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं. वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है. सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है.

श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे.

पीएसके