रांची, 19 नवंबर . झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण में 38 सीटों पर बुधवार को होने वाले मतदान से ठीक एक दिन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार की.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर साइलेंट पीरियड के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और चंदनकियारी में भाजपा प्रत्याशी अमर बाउरी पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया.
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बरहेट क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता आतंक का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे ध्यान बंटाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता प्रतिपक्ष पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है.
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बुधवार को मतदान का दिन है और अभी साइलेंट पीरियड है. लेकिन, इस दौरान भी बीजेपी भ्रम पैदा करने का काम कर रही है. बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइलेंट पीरियड के दौरान भी कई वीडियो चल रहे हैं. यह आचार संहिता का उल्लंघन है. जेएमएम नेता ने कहा कि साइलेंट पीरियड में मुझे भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहिए था, लेकिन भाजपा की हरकतों को देखते हुए उन्हें अपना पक्ष रखना पड़ रहा है.
भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा द्वारा आचार संहिता उल्लंघन के मामले को लेकर निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है. चुनाव आयोग से हमने कई शिकायतें की हैं, लेकिन इसे लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है. भाजपा नेता सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं, जो साइलेंट पीरियड की अवहेलना है. चुनाव आयोग से मांग है कि आईटी एक्ट के तहत क्रिमिनल केस दर्ज करें. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोगों ने चंदनकियारी में दबंगई की है. ऐसा लग रहा है कि बीजेपी झारखंड में बंगाल की तर्ज पर काम कर रही है.
जेएमएम नेता ने सवाल किया, क्या मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट सिर्फ हमारे लिए है. आदिवासी अस्मिता को लेकर गाली दी जा रही है, लेकिन चुनाव आयोग चुप है. चंदनकियारी में भाजपा के प्रत्याशी अपने काफिले के साथ मारपीट करते हैं. उन्होंने दावा किया कि चुनाव में लोग भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार करते हुए कहा कि अपनी निश्चित हार को देखकर उसके नेता बहाने बनाने में जुट गए हैं. 23 नवंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार का अंत हो जाएगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा चाहती नहीं कि इसका ठीकरा हेमंत सोरेन पर फूटे. इसलिए, वह हर दिन बहाने बना रही है. बरहेट क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता आतंक का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, उससे ध्यान बंटाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता प्रतिपक्ष पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है.
उन्होंने कहा कि जिस चुनाव आयोग पर झारखंड मुक्ति मोर्चा आज आरोप लगा रही है, उसी आयोग और राज्य पुलिस की देखरेख में हुए चुनाव में 2019 में इन्होंने जीत हासिल की थी. इस बार हार के बहाने बनाने के लिए इसी चुनाव आयोग पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया जा रहा. चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ भी अनेक मामलों में संज्ञान लिया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कभी शिकायत नहीं की और उन आदेशों का अनुपालन किया.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कुछ अधिकारी इस सरकार में टूलकिट बनकर काम करते रहे. एक जिलाधिकारी को चुनाव आयोग ने निर्वाचन कार्य से हटाया, तो उन्हें राजधानी का जिलाधिकारी बना दिया गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा को इस पर भी आपत्ति है. भाजपा हमेशा से मानती है कि अधिकारियों को नियम कानून से चलना चाहिए, क्योंकि सरकारें आती-जाती रहती हैं. लेकिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने अधिकारियों को अपना एजेंट बनाने की कोशिश की है.
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एसएनसी/एबीएम