नई दिल्ली, 22 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के द्वारका में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि ये इंडी गठबंधन आज देश में फैली हर बुराई का प्रतीक है. इस गठबंधन में तीन बातें समान हैं, इंडी गठबंधन के सारे लोग घोर सांप्रदायिक, घोर जातिवादी और घोर परिवारवादी हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ देश के लोगों से भी इन्हें पहचानने की अपील करते हुए कहा, “जिन लोगों ने भारत के संविधान के साथ धोखा किया है, अब समय आ गया है कि ऐसे घोर सांप्रदायिक लोगों को देश पहचानें और मेरे मुसलमान भाई भी पहचानें. इसी दिल्ली में गले में टायर बांधकर मेरे सिख भाई-बहनों को जिंदा जलाया गया था, ये गुनाह किसका था ? आज कांग्रेस की छतरी के नीचे खड़ा हर दल सिख दंगे का गुनहगार है. ये मोदी है, जो सिख दंगे के पीड़ितों को न्याय दिला रहा है. मोदी ने आते ही एसआईटी बनाई. जो आरोपी कांग्रेसी नेता खुला घूम रहे थे, उनको सजा दिलवाई.”
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो लुटियन गैंग है, खान मार्केट गैंग है, उन्होंने इन घोर सांप्रदायिक लोगों की रक्षा करने में अपनी जिंदगी खपा दी. इन लाेेगों ने उनके पापों को देश की जनता से छिपाने का पाप किया है.
भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से 100 पैसा भेजते हैं तो गांव जाते-जाते 15 पैसा पहुंचता है. वो कौन सा पंजा था जो 85 पैसा लूट लेता था. आज दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो पूरा का पूरा एक रुपया लाभार्थी के बैंक के खाते में जमा होता है. डीबीटी के माध्यम से पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने 36 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे भेजे हैं. कांग्रेस की सरकार होती तो इनमें से 31 लाख करोड़ रुपए बिचौलिए खा जाते. कॉमनवेल्थ गेम्स को कौन भूल सकता है. कांग्रेस के पास भारत के सामर्थ्य को पूरी दुनिया को दिखाने का मौका था, लेकिन कांग्रेस ने दिल्ली को इतना लूटा कि एक बदनुमा दाग कॉमनवेल्थ खेलों पर लगा दिया, ये कांग्रेस का मॉडल था. जबकि, इसी दिल्ली में जी20 सम्मेलन हुआ और लोगों ने देखा कि पूरे विश्व ने भारत की जय-जयकार की. ये सब इसलिए हुआ, क्योंकि भाजपा का विकास मॉडल नेशन फर्स्ट के लिए कमिटेड है, राष्ट्र प्रथम ये हमारे जीवन का मंत्र है. जबकि, कांग्रेस और इंडी गठबंधन का एकमात्र एजेंडा फैमिली फर्स्ट है. निर्णय देश करे कि उन्हें नेशन फर्स्ट चाहिए या फैमिली फर्स्ट चाहिए.”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने देश के दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय किया है. दिल्ली का जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय 60 वर्षों तक अन्य यूनिवर्सिटी की तरह सामान्य शिक्षण संस्थान के रूप में चल रहा था और इसमें भी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण मिला करता था. लेकिन, 2014 का चुनाव जीतने के लिए मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार ने 2011 में चुपचाप अचानक जामिया मिलिया विश्वविद्यालय को माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन घोषित कर दिया. इससे इसमें 50 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों के लिए लागू हो गया. अब यहां भी धर्म के आधार पर बंदिश लग गई है. जो अपने आपको दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग का मसीहा बताते घूमते हैं, वो बताएं कि आखिर कौन सी मजबूरी है कि ये लोग चुप बैठे रहे. आज कांग्रेस के शहजादे ने एक बहुत बड़ा सच स्वीकार कर लिया, उन्होंने मान लिया है कि उनकी दादी, उनके पिताजी और उनकी माताजी के समय जो सिस्टम बना, वो दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का घोर विरोधी रहा है. यही मॉडल ये पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. कर्नाटक में आरक्षण छीन कर ये मुसलमानों को दे चुके हैं. कांग्रेस के इसी सिस्टम ने एससी, एसटी, ओबीसी की कितनी ही पीढ़ियों को तबाह किया है.”
पीएम मोदी ने तुष्टीकरण की राजनीति के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा, “कोलकाता हाईकोर्ट ने आज ही इंडी गठबंधन को करारा तमाचा मारा है. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद जारी किए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द कर दिए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने वोट बैंक के लालच में मुसलमानों को बड़े पैमाने पर ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किया है. इनकी राजनीति, वोट बैंक और तुष्टीकरण का जुनून सारी हदें पार कर रहा है और आज कोर्ट ने तमाचा मारा है. ये लोग सरकारी जमीनें वक्फ बोर्ड को दे रहे हैं और बदले में वोट मांगते हैं. तुष्टीकरण में इन लोगों ने सारी हदें पार कर दी हैं और इसलिए इन लोगों ने एक साथ आकर ये इंडी गठबंधन बनाया है. वह जब इनकी घोर साम्प्रदायिक नीतियों का पर्दाफाश कर रहे हैं तो इनका इको सिस्टम चिल्लाता है कि मोदी हिंदू-मुसलमान कर रहा है.”
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एसटीपी/एबीएम