महाकुंभ नगर, 2 फरवरी . महाकुंभ में बसंत पंचमी के अमृत स्नान की तैयारियां पूरे उमंग और उत्साह के साथ चल रही हैं. अखाड़े के संतों और श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है. करोड़ों की संख्या श्रद्धालु संगम में अमृत स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं. अखाड़ों में साधु-संन्यासियों के रथ, हाथी, घोड़े सज रहे हैं. अखाड़ों में परंपरा अनुसार पूजा पाठ हो रहा है. सीएम योगी के निर्देशों के अनुरूप मेला प्रशासन सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रहा है. महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया पर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने उसका खंडन किया है.
बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बारे में बताते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन सभी 13 अखाड़े परंपरा का पालन करते हुए दिव्य भव्य अमृत स्नान करेंगे. मुख्यमंत्री योगी की ओर से प्रशासन की उत्तम व्यवस्था की गई है. सभी अखाड़ों में अमृत स्नान की तैयारियां चल रही हैं. साधु – संन्यासियों के रथ, घोड़े तैयार हो रहे हैं. ईश्वर के आशीर्वाद से सभी अखाड़े सोमवार को संगम में अमृत स्नान करेंगे.
निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर कैलाशानंद ने भी कहा कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर अखाड़ों में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. सभी अखाड़े बसंत पंचमी का अमृत स्नान करेंगे. सीएम योगी ने उत्तम व्यवस्था की है, सभी अखाड़े अपनी परंपरा और प्रशासन की व्यवस्था का पालन करते हुए अमृत स्नान करेंगे. बसंत पंचमी का पर्व महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान है.
परंपरा के अनुसार सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान करेंगे. अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल, माल और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है. महामंडलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया जा रहा है. नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन करेंगे.
समय और क्रम के अनुसार सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे. उनके साथ मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों के रथ और घोड़ों के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं.
महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं है. 1 फरवरी से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं. बसंत पंचमी के पर्व पर 5 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से पूरी मुस्तैदी से मेला क्षेत्र में कार्यरत है. जगह-जगह रूट डायवर्जन और बैरिकेडिंग का प्रयोग किया जा रहा है. आने और जाने के एकल मार्ग की योजना से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाया जा रहा है. स्नान कर स्टेशन और बस अड्डों की ओर लौटने के लिए अलग मार्गों का प्रयोग किया जा रहा है.
मेला क्षेत्र में वाहन प्रवेश पर्व के दिन पूरी तरह प्रतिबंधित रखा गया है. आकस्मिक आपदा या भगदड़ की स्थिति से निपटने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था को चाक चौबंद रखा गया है. ताकि जरूरत पड़ने पर एनडीआरफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन की गाड़ियां और एंबुलेंस तत्काल घटना स्थल तक पहुंच सकें.
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