देहरादून, 30 मई . उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड प्रकरण में संलिप्त तीन आरोपियों को कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को दोषी करार दिया है.
इन आरोपियों में पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता शामिल हैं. इन सभी को 302, 201, 354 धाराओं में दोषी पाया गया है. अब कुछ ही देर में सजा का ऐलान किया जाएगा.
इस दौरान कोर्ट के बाहर किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो इसके लिए कोर्ट परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है. इसके लिए उत्तराखंड के अन्य जनपदों से भी पुलिस बलों को बुलाया गया.
इससे पहले 19 मई को इस मामले में सुनवाई समाप्त हुई थी. कोर्ट ने दोषी करार दिए जाने के लिए 30 मई की तारीख निर्धारित की थी. 30 जनवरी 2023 को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. एसआईटी ने इस मामले में 500 पन्नों का आरोपपत्र भी दाखिल किया था. दो साल आठ महीने चले इस मामले की सुनवाई में कुल 47 गवाह अदालत में पेश किए गए थे.
बता दें कि 18 सितंबर, 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या करके उसका शव चीला की शक्ति नहर में फेंक दिया गया था. घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण अंकिता ने रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया था. नौकरी ज्वाइन किए उसे 20 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि वह 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद अंकिता के पिता बीरेंद्र सिंह लगातार तीन दिनों तक पौड़ी, मुनिकीरेती और ऋषिकेश के चक्कर काटते रहे.
इसके बाद उन्हें कांडाखाल चौकी भेजा गया, लेकिन वहां से भी उन्हें मायूस होकर ही लौटना पड़ा. आरोप लगा कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की. इसके बाद इस मामले ने जब तूल पकड़ा, तो 22 सितंबर 2022 को इसे पुलिस को सौंप दिया गया. इसके बाद पुलिस ने उसी रात को पुलकित आर्य और उसके दो अन्य साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद 24 सितंबर 2022 को चीला नदी से अंकिता भंडारी का शव बरामद हुआ. इस घटना ने उत्तराखंड के आम जनमानस को उद्वेलित कर दिया था. लोगों ने सड़कों पर उतरकर इस हत्याकांड में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
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एसएचके/एएस