नई दिल्ली, 26 अप्रैल . देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पर कुछ राजनेताओं ने सवाल उठाए हैं, जिस पर विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले में अब ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के चेयरमैन और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स, लंदन के अध्यक्ष, डॉ. आदेश सी. अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है.
डॉ. अग्रवाल ने साफ शब्दों में आरोप लगाया है कि सांसद जैसे ऊंचे पदों पर बैठे कुछ नेता भड़काऊ और भ्रामक बयान दे रहे हैं, जिससे न केवल जनता में भ्रम फैल रहा है, बल्कि देश के न्याय तंत्र की साख भी प्रभावित हो रही है. उन्होंने इसे एक “सुनियोजित साजिश” करार दिया है और कहा कि अदालतों पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोप सरासर झूठ हैं.
डॉ. अग्रवाल ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी राष्ट्रपति को कोई निर्देश नहीं दिया और न ही संविधान की किसी भी मर्यादा का उल्लंघन किया है. उन्होंने नेताओं से संयम बरतने और न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने की अपील की है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि डॉ. अग्रवाल ने कोर्ट का ध्यान फर्जी मुकदमों की बढ़ती संख्या की ओर भी आकर्षित किया है, खासकर पुरुषों के खिलाफ दायर झूठी एफआईआर पर. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है और जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं जो देश की सर्वोच्च संस्था सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को चोट पहुंचाना चाहते हैं?
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ दिनों में नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर ऐसे बयान दिए हैं, जिससे उन पर बहस छिड़ गई है. खासकर भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान के बाद यह मामला काफी उठा और उनके बयान पर खूब राजनीति हुई. उनके अलावा कुछ अन्य नेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट को लेकर बयान दिए हैं.
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डीएससी/