लखनऊ, 4 सितंबर . समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि बुलडोजर इस्तेमाल करने के लिए दिल, दिमाग बहुत मजबूत होना चाहिए. वो लोग बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं कर सकते, जो दंगाइयों के आगे घुटने टेक देते हैं.
अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा, “हमारे मुख्यमंत्री कहने को मुख्यमंत्री हैं, लेकिन ताज्जुब की बात है कि कभी-कभी वो बायोलॉजिस्ट भी बन जाते हैं. हालांकि, अब मैं उस बहस में नहीं जाना चाहूंगा, लेकिन मैं एक बात पर बल देना चाहूंगा कि हमारे मुख्यमंत्री को अगर किसी की सबसे ज्यादा चिंता है, तो वो है डीएनए की. सच कहूं, तो उन्हें ही बहुत ज्यादा डीएनए की चिंता है. मैं पिछले कई दिनों से सोच रहा था कि किसी दिन वो पावर प्लांट का नाम बोलेंगे, लेकिन आज वो पावर प्लांट का नाम नहीं ले पा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं दावे के साथ एक बात कहना चाहूंगा कि वो डीएनए तो बोल सकते हैं, लेकिन इसका फुल फॉर्म नहीं बोल सकते हैं, इसलिए मैं मुख्यमंत्री से यही कहना चाहूंगा कि डीएनए शब्द का इस्तेमाल करने से पहले वो इसका फुलफॉर्म तो बता दें.”
सपा प्रमुख ने कहा, “जहां तक बुलडोजर का सवाल है, तो हम सभी जानते हैं कि किस तरह से न्यायालय का बुलडोजर चला है. न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी राज्य का प्रशासन किसी पर भी ऐसे ही बुलडोजर नहीं चला सकता, जो लोग बुलडोजर लेकर लोगों को डराते थे. लोगों के घरों को गिराते थे. मैं यहां सवाल करना चाहूंगा कि क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है और कब पास हुआ था? सरकार को यह भी बताना चाहिए. साथ ही इसका कागज भी दिखा देना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.”
उन्होंने कहा, “एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि मौजूदा सरकार ने अपने अहंकार को दिखाने के लिए बुलडोजर चलाया है, जिसे देखते हुए शीर्ष अदालत से लेकर उच्च न्यायालय तक स्पष्ट कर चुका है कि बुलडोजर की कार्रवाई संवैधानिक नहीं है. कल ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब बुलडोजर नहीं चलेगा, तो ऐसे में मेरा सवाल है कि क्या अब तक जो बुलडोजर चल रहा था, उसके लिए सरकार माफी मांगेगी?”
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एसएचके/एबीएम