लखनऊ, 31 अगस्त . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लाल टोपी वाले बयान पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के पलटवार के बाद लखनऊ में भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि हर टोपी पहनने वाला उनकी तरह नहीं होता है, जो संविधान के खतरे में होने की बात कहते हुए लोगों से झूठे वादे करे. वह जनता को झूठ की टोपी जो पहनाते हैं, उस टोपी की ओर हमारे मुख्यमंत्री जी का इशारा था.
वह आगे कहते हैं, “हम तो सम्मान की पगड़ी पहनाने वाले लोग हैं. जो जनता को विकसित भारत की ओर ले जाना चाहते हैं और विकसित भारत बने यानी जनता को एक शक्तिशाली देश की पगड़ी पहनाएं. ना कि अखिलेश जी की पार्टी की तरह टोपी पहनाएं. यह टोपी पहनाने का मतलब झूठ बोलना और दुष्प्रचार करना है. जो चीज नहीं हुई हैं, उसका आधार बनाना, मैं समझता हूं कि समाजवादी पार्टी के उस रूप को जनता देख चुकी है.”
कपिल सिब्बल द्वारा कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए भयावह दुष्कर्म और हत्या की घटना को लक्षणात्मक बीमारी से ऐसी घटनाओं को आम बताने के बयान पर वह कहते हैं कि मैं समझता हूं कि कपिल सिब्बल अपने अंतिम पड़ाव पर चल रहे हैं. उनकी राजनीति खत्म हो चुकी है. वह जिस प्रकार से आतंकवादियों, बलात्कारियों का पक्ष लेने के लिए खड़े होते हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि वह समाजवादी पार्टी की सहायता से जीतकर आए हैं. वह पुराने कांग्रेसी रहे हैं, उनमें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों का खून बह रहा है. मुझको लगता है कि वह जो बलात्कारियों का पक्ष लेने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं इसमें निश्चित रूप में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों का समर्थन उनको प्राप्त है.
वह आगे कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि पूरे देश के डॉक्टरों को एक चीज निश्चित कर लेना चाहिए कि कपिल सिब्बल जी और उनकी मान्यता को मानने वाले लोगों को चिकित्सा व्यवस्था से दूर कर उनका बहिष्कार कर देना चाहिए.”
बता दे, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सपा की लाल टोपी को लेकर एक बयान दिया था. इस बयान में सीएम योगी ने कहा था, “समाजवादी पार्टी के कुकर्मों से हर कोई परिचित है. अगर आप इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो सपा का इतिहास काले कारनामों से भरा पड़ा है. सपा की टोपी लाल है, लेकिन उसके कारनामे काले हैं.”
सीएम योगी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था, “कोई भी रंग अच्छा या बुरा नहीं होता. यह बस नजरिए का मामला है. जिन लोगों के जीवन में प्रेम, मिलन और सद्भाव की कमी होती है वो अक्सर लाल रंग के प्रति दुर्भावना रखते हैं.”
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